CM Yogi: अटल आवासीय विद्यालय के तर्ज पर खुलेंगे इंटीग्रेटेड केंद्र, गुरुकुल परंपरा की है शुरुआत

Lucknow: यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ शुक्रवार को लोक भवन में आयोजित अटल आवासीय विद्यालय के छात्र छात्राओं में एडमिशन किट वितरित किया। उन्होंने गुरु वार्ता संगम में भाग लेते हुए कार्यक्रम को संबोधित किया। सीएम योगी ने कहा कि श्रमिकों के बच्चों को बेहतर शिक्षा सुविधा देने के लिए प्रदेश के सभी मंडल मुख्यालय पर अटल आवासीय विद्यालय शुरू किए गए हैं। इसी तर्ज पर 57 जिलों में बेसिक शिक्षा परिषद इंटीग्रेटेड केंद्र खोलेगा जिसमें कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों को कैंपस में सभी शिक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी।

उन्‍होंने कहा कि श्रमिक राष्ट्र के निर्माता हैं। मेहनत, परिश्रम, पसीने से राष्ट्र का निर्माण करते हैं लेकिन खानाबदोश की जिंदगी जीते हैं। कभी यहां तो कभी वहां जाने के कारण उनके बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इन अटल आवासीय विद्यालयों में ऐसे सभी श्रमिकों के बच्चों को आवासीय शिक्षा व्यवस्था मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा कोरोना में जिन बच्चों के अभिभावकों की मृत्यु हो गई है उन्हें भी विद्यालयों में प्रवेश दिया जाएगा। जल्द ही इनका शुभारंभ होगा। उन्होंने कहा कि हम प्रयास कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री इनका शुभारंभ करें। इन विद्यालयों में प्रधानाचार्य के नेतृत्व में बनी टीम का यह दायित्व होगा की लकीर के फकीर ना बने। और इनमें नयापन लाएं। वाटिकाएं विकसित करें।

उन्‍होंने कहा कि खेलकूद और अन्य गतिविधियों पर फोकस रहे। 12 से 15 एकड़ में यह अटल आवासीय विद्यालय बने हैं जिसमें काफी जगह है। इन सभी में बहुत अच्छी गतिविधियां संचालित की जा सकती हैं। अनुशासनहीनता किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पठन-पाठन में कैलेंडर सभी समय पर विकसित हो। बच्चों को अपने त्योहारों के बारे में आध्यात्मिक और प्रेरणादाई दोनों तथ्यों के बारे में बताया जाए। त्योहारों को सामूहिक रूप से मनाया जाए। सीएम योगी ने कहा कि यह कैंपस पूरी तरह से प्लास्टिक, धूम्रपान, पान गुटखा, खैनी, बीड़ी, तंबाकू से मुक्त होने चाहिए। जो शिक्षक भी धूम्रपान आदि का सेवन करते हैं वह विकृति को त्याग कर ही कैंपस में प्रवेश करें।

यह विद्यालय गुरुकुल परंपरा की शुरुआत हैं जो फिर से हमारी पुरानी शिक्षा नीति का आधार बनेगी और एक नया मॉडल पेश करेगी। विद्यालय को अपने स्वयं के समर्थ को भी विकसित करना होगा ताकि वह इनकी मरम्मत साफ सफाई पर फोकस रखें। उन्होंने हिदायत दी कि कई बार देखने में यह आता है की जमीन पर तो पौधे उगते नहीं है और इमारत की छतों पर पौधे खड़े हो जाते हैं। इससे भवन खंडहर हो जाते हैं और विभाग के कर्मचारी कहतें हैं बिल्डिंग खंडहर हो गई। ऐसे लोगों को खुद खंडहर हो जाना चाहिए ऐसे लोग जो सरकार पर बोझ बने हैं उन्हें हटाना चाहिए। भवन को खंडहर ना बनाएं समय से उसकी मरम्मत करें।

 

 

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