Lucknow: उत्तर प्रदेश में राहत विभाग ने 450 आटोमैटिक वेदर स्टेशन और 2000 आटोमैटिक रेन गेज लगाने के लिए कार्यादेश जारी कर दिया है. आने वाले मानसून सत्र से तहसील और ब्लॉक लेवल पर मौसम की सटीक जानकारी मिलेगी. वहीं गांवो में वर्षा का एक सही माप भी सामने आएगा.
बता दें कि यूपी में सिस्टम की कमी की वजह से मौसम पूर्वानुमान व बारिश अनुमान से जुड़ी सटीक जानकारी पूर्व में नहीं मिल पाती है. इस वजह से कई बार ग्रामीण और शहरी इलाकों में भारी बारिश और आंधी के कारण नुकसान का सामना पड़ता है. अतिवृष्टि की स्थिति में लोगों को समय पर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में भी काफी मुश्किल हो जाती है. इस तरह की समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश में राहत विभाग ने 450 एडब्ल्यूएस और 2000 एआरजी लगा रहा है. इस कार्य के लिए 80 कर्मचारी भी तैनात किए जाएंगे. राहत विभाग ने 142.16 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है. ये संयंत्र लगने के बाद कमोबेश हर क्षेत्र में मौसम और बरसात की सटीक जानकारी मिल पाएगी.
बवंडर से पहले मिल जाएगी सूचना
बता दें कि राहत विभाग की तरफ से लखनऊ, अलीगढ़, झांसी और आजमगढ़ में लगेंगे डाप्लर वेदर राडार लगाए जाएंगे. यह राडार बारिश की तीव्रता, हवा की गति के नापने के साथ बवंडर की दिशा भी बताएंगे. राहत विभाग का मानना है कि इससे आपदा से होने वाले नुकसान को रोकने में काफी मदद मिलेगी. इन जिलों में राडार लगाने के लिए 26.12 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं.