Mahakal Temple: भगवान भोलेनाथ के बारह प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक भगवान महाकालेश्वर का भी है. महाकालेश्वर के दरबार में आज यानी 24 मार्च को 51 क्विंटल फूलों से भक्त और भगवान के बीच होली खेली गई. इसके साथ ही भस्म आरती में फूलों की होली खेलकर भक्त भाव विभोर हो गए.
बता दें कि उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सबसे पहले होली पर्व की शुरुआत होती है. यहां आज शाम को संध्याकालीन आरती में होलिका दहन होगा. वहीं, आज सुबह महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल की भव्य भस्म आरती हुई. इस आरती में शामिल होने के लिए देशभर के श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे थे.
Mahakal Temple में सबसे पहले खेली जाती है होली
इस दौरान महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर में होली का उत्सव हर साल पूरे धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दौरान गुलाल और फूलों से होली सबसे पहले भगवान महाकाल के दरबार में खेली जाती है.
वहीं, आज शाम संध्याकालीन आरती के दौरान मंदिर में गुलाल उड़ाई जाएगी. महाकालेश्वर मंदिर में राजाधिराज भगवान महाकाल को गुलाल चढ़ने के बाद सोमवार को पूरे देशभर में गुलाल होली का पर्व मनाया जाएगा.
Mahakal Temple: महाकाल का दरबार अद्भुत परंपराओं का साक्षी
महाकालेश्वर मंदिर के पुरोहित भूषण गुरु ने बताया कि द्वादश ज्योतिर्लिंगों में तीसरे नंबर पर विराजित भगवान महाकाल का दरबार अद्भुत परंपराओं का साक्षी है. भगवान महाकाल को सृष्टि का राजा माना जाता है, इसलिए सबसे पहले भगवान महाकाल के दरबार में पर्व की शुरुआत होती है.
Mahakal Temple: तीनों लोकों का स्वामी
उन्होंने बताया कि तीनों लोकों के स्वामी भगवान महाकाल को सबसे पहले गुलाल लगाया जाता है. इसके बाद देशभर में होली का पर्व मनाया जाता है. उन्होंने बताया कि पाताल में हाटकेश्वर, आकाश में तारकालिंगम और पृथ्वी पर महाकाल विराजित हैं, इसलिए भगवान महाकाल को तीनों लोकों का स्वामी माना जाता है.
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