Sukanya Samriddhi: मार्च का महीना वित्त वर्ष का आखिरी महीना है. यह महिना फाइनेंशियल कामों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस महीने में कई कामों का लास्ट डेट होता है, तो वहीं कई कामों में के नियमों में परिवर्तन कर दिया जाता है. ऐसे में ही आज हम आपको पीपीएफ, नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस), सुकन्या समृद्धि (Sukanya Samriddhi) योजना से जुड़ी जानकारी के बारे में बताने जा रहे है.
आपको बता दें कि इन स्कीम के निवेशक को हर वित्त वर्ष में न्यूनतम पैसा जमा करना होता है. यदि वो ऐसा नहीं करते है तो उनका अकाउंट इनएक्टिव हो जाएगा. ऐेसे में चलिए जानते है इन स्कीमों के कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में…
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्कीम होता है. इसमें हर वित्त वर्ष में कम से कम 500 रुपये का निवेश करना होता है. वहीं इस योजना में अधिकतम निवेश की राशि 1.5 लाख रुपये होती है. जबकि सरकार निवेश राशि पर सालाना 7.1 प्रतिशत के हिसाब से ब्याज देती है.
वहीं PPF में 15 साल का लॉक-इन पीरियड होता है. यानी 15 साल तक आप फंड से कोई निकासी नहीं कर सकते हैं. लॉक-इन पीरियड के बाद निवेशक फंड से निकासी कर सकता है.
सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi)
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की गई है. इस योजना के तहत आप अपनी बेटी की पढाई और शादी के लिए निवेश कर सकते हैं.
इस स्कीम (Sukanya Samriddhi) में भारत सरकार द्वारा 8.2 प्रतिशत का ब्याज ऑफर करती है. बता दें कि इस योजना में 14 साल तक निवेश करना होता है, जबकि मैच्योरिटी टेन्योर 21 साल का होता है.
नेशनल पेंशन सिस्टम
वहीं, अगर बात करें नेशनल पेंशन सिस्टम की तो रिटायरमेंट के बाद भी इनकम जारी रखने के लिए ये बेस्ट और काफी पॉपुलर ऑप्शन है. इसमें रिटायरमेंट के बाद भी पेंशन के माध्यम से इनकम जारी रहें इस लक्ष्य से निवेश किया जाता है. वहीं, सरकार एनपीएस में 8.5 प्रतिशत का ब्याज और टैक्स बेनिफिट का लाभ देती है. इस स्कीम में हर फाइनेंशियल ईयर में कम से कम 500 रुपये का निवेश करना होता है.
Sukanya Samriddhi: निवेश नहीं किया तो…
वहीं, अगर एक वित्त वर्ष में निवेशक किसी कारणवश न्यूनतम राशि का निवेश नहीं करता है तो उसका अकाउंट फ्रीज हो जाएगा. इसका मतलब उस व्यक्ति को योजना में मिल रहे सभी लाभ जैसे टैक्स बेनिफिट आदि नहीं मिलेंगे.
हालांकि अकाउंट को दोबारा शुरू करने के लिए निवेशक को 50 रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से जुर्माना और न्यूनतम राशि का भुगतान करना होगा.
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