Hanuman Jayanti: भगवान शिव की नगरी काशी में आज हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर हनुमत प्रभु के जयकारे गूंजे. शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक हर तरफ हनुमान जी के जन्मोत्सव की धूम रही.
घर से लेकर हनुमान मंदिरों तक पूजा-अर्चना और महिमा होती रही. विभिन्न इलाकों से निकली शोभायात्राएं और प्रभात फेरिया संकट मोचन मंदिर पहुंचीं, जहां भक्तों ने ध्वजा अर्पण कर हनुमान चालीसा का पाठ किया.
इसी क्रम में पूर्वांचल के सबसे बड़े 60 फीट के रथ पर 25 इंच की श्री रामलला की झांकी सजाई गई, साथ ही 11000 ध्वज भी लहराए गए. इसके अलावा, 251 डमरू के निनाद और जय श्री राम, जय हनुमान के जयकारे से पुरा वातावरण गूंजता रहा. इस दौरान 1001 किलोग्राम लड्डूओं का भोग भी लगाया गया.
Hanuman Jayanti: ध्वजयात्रा का स्वागत
भिखारीपुर से हनुमान ध्वजयात्रा जैसे ही आगे बढ़ी, रास्ते में जगह- जगह भक्तों ने फूल बरसाकर यात्रा का स्वागत किया. नेवादा, नारियां, लंका, सुंदरपुर, रविदास गेट, संकटमोचन तिराहे पर विभिन्न संस्थाओं, समितियों एवं व्यापारियों द्वारा स्वागत किया गया. इसके साथ ही यहां पीने के लिए पेयजल, शर्बत, फलाहार आदि की व्यवस्था भी की गई थी.
Hanuman Jayanti: आसमान में लहराए 11 हजार ध्वज
हनुमान ध्वजयात्रा में पूर्वांचल भर से करीब 40 हजार से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए, जिन्होंने विश्व कल्याणार्थ संकट मोचन हनुमान जी के चरणों मे 11 हजार से अधिक ध्वजाएं अर्पित की.
इसके साथ ही 25 फीट की विशाल मुख्य ध्वजा समिति के अध्यक्ष रामबली मौर्य द्वारा अर्पित की गई, जिसके बाद श्रद्धालु हनुमान जी के चरणों में ध्वज अर्पित कर खुद को धन्य करते रहे. इसके बाद श्रद्धालुओं ने सामूहिक महा चालीसा पाठ कर प्रभु के समक्ष अपनी अर्जी लगाई.
Hanuman Jayanti: भक्तों का उमड़ा सैलाब
इस दौरान भिखारीपुर तिराहे से संकट मोचन मंदिर तक पूर्वांचल भर के भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. श्रद्धालुओं का हुजूम देख लगा मानो आस्था का ज्वार उमड़ गया हो. भक्तों का हुजूम इस कदर रहा कि 5.25 किलोमीटर की यह यात्रा पूरी करने में कुल 4 घंटे से ज्यादा का वक्त लग गया.
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