India Defence: नोमुरा ने इंडिया डिफेंस (India Defence) नामक एक रिपोर्ट जारी किया है. रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा उपकरणों, प्रौद्योगिकियों और सेवाओं की बढ़ती मांग के बीच भारत के रक्षा क्षेत्र को वित्त वर्ष 2024 से 2032 के बीच 138 बिलियन अमेरीकी डालर का आकर्षक ऑर्डर मिल सकता है. रक्षा उत्पादन और प्रौद्योगिकी विकास में लगी कंपनियों के लिए यह स्थिति महत्वपूर्ण संभावनाएं देगी.
जानें क्या है रिपोर्ट में
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का रक्षा पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 30 तक कुल बजट का 37 फीसदी तक बढ़ने की ओर अग्रसर है, इस दौरान वित्त वर्ष 2025 में अनुमानित रूप से 29 प्रतिशत की पर्याप्त वृद्धि होने की उम्मीद है. यह फाइनेंशियल ईयर 24-30 में 15.5 ट्रिलियन रुपये के संचयी पूंजी परिव्यय के बराबर है, जो पिछली अवधि की तुलना में पर्याप्त वृद्धि का संकेत है.
इनको दिया वृद्धि का श्रेय
रिपोर्ट में इस बढ़ोत्तरी का श्रेय रक्षा बजट बढ़ाने, आधुनिकीकरण के प्रयासों और “मेक इन इंडिया” जैसी पहल के अंतर्गत स्वदेशी विनिर्माण पर सरकार के ध्यान को दिया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रक्षा क्षेत्र के विभिन्न सेक्टर्स में आकर्षक अवसर प्रदान करता है। अकेले रक्षा एयरोस्पेस क्षेत्र की भागीदारी 50 बिलियन अमरीकी डॉलर की है.
इसमें विमान, हेलीकॉप्टर, मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी), एवियोनिक्स और संबंधित प्रणालियों में इंवेस्ट शामिल हैं. 38 बिलियन अमरीकी डालर की क्षमता के साथ रक्षा पोत निर्माण एक अन्य अहम अवसर वाला क्षेत्र है, जिसमें नेवी के जहाजों, पनडुब्बियों, गश्ती नौकाओं और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सपोर्ट शिप का निर्माण शामिल है.
ये भी पढ़ें :- Firozabad: बच्चे को बचाने में हुआ दर्दनाक हादसा, अधिशासी अधिकारी सहित दो की मौत