Telegram ने डेटा-शेयरिंग पॉलिसी में किए बड़े बदलावों की घोषणा, जानिए क्‍यों कंपनी ने लिया ये फैसला

Telegram: पॉपुलर एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म टेलीग्राम ने प्राइवेसी पॉलिसी में बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है, जिसके तहत अब ऐप को आपराधिक जांच में न्यायिक अधिकारियों के साथ यूजर्स के आईपी एड्रेस और फोन नंबर शेयर करने की मंजूरी है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले महीने फ्रांस में टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव को अरेस्ट किए जाने के बाद इस बदलाव की घोषणा की गई है.

दरअसल, सीईओ पर आरोप है टेलीग्राम ने नशीले पदार्थों की तस्करी और बाल यौन शोषण सामग्री के डिस्ट्रीब्यूशन सहित अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दिया और इसी मामले में फ्रांस में उन्‍हें गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि इस बदलाव को लेकर टेलीग्राम पर पॉलिसी अपडेट की खबर पोस्ट करने वाले डुरोव का कहना है कि गोपनीयता और सुरक्षा के बीच सही संतुलन बनाने के लिए यह कदम आवश्‍यक था.  

टेलीग्राम को करना पड़ा आलोचनाओं का सामना

उन्‍होंने कहा कि प्राइवेसी और सेफ्टी के बीच सही संतुलन बनाना आसान नहीं है. वहीं, इससे पहले, टेलीग्राम ने सिर्फ संदिग्ध आतंकवाद के मामलों में यूजर्स डेटा साझा करने पर सहमति व्यक्त की थी. इसके साथ ही नई शर्तों में इसे किसी भी आपराधिक जांच को कवर करने के लिए बढ़ाया गया है.

बता दें कि इसी साल अगस्‍त के महीने में फ्रांसिसी अधिकारियों ने डुरोव को गिरफ्तार लिया था, जिसमें उनकी कंपनी पर अपराधियों की तरफ से टेलीग्राम के दुरुपयोग को रोकने में विफल हाने का आरोप लगाया गया था. टेलीग्राम को लंबे समय से अपनी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और न्यूनतम डेटा संग्रह नीतियों के कारण अवैध गतिविधियों के लिए आश्रय स्थल होने के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.

डुरोव ने आरोपों से इनकार किया

दरअसल, डुरोव, एक अरबपति रूसी मूल के उद्यमी हैं, जिनके पास फ्रांसीसी नागरिकता है, ऐसे में फ्रांस से उन्हें €5M की जमानत पर रिहा कर दिया गया, लेकिन इस मामले में जांच पूरी होने तक उन्‍हें फ्रांस में रहना होगा. हालांकि टेलीग्राम के सीईओ ने अपने उपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. इसके साथ ही फ्रांसीसी कानूनी कार्रवाइयों को पुराने कानूनों का गलत इस्तेमाल बताया है. उन्‍होंने अपने एक पोस्‍ट में कहा है कि स्मार्टफोन से पहले के कानूनों का उपयोग करके सीईओ पर उस प्लेटफ़ॉर्म पर थर्ड पार्टी द्वारा किए गए अपराधों का आरोप लगाना एक गुमराह करने वाला दृष्टिकोण है.

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