Cervical cancer ; महिलाओं के अत्यधिक होने वाली सर्वाइकल कैंसर की पकड़ स्वदेशी एचपीवी किट से आसान होगी। देश में बनीं तीन स्वदेशी ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) किट का ट्रायल एम्स सहित तीन लैब में हुआ है। इसके परिणाम बेहतर पाए गए हैं। बुधवार को इसके आंकड़े तय किए जाएंगे। उम्मीद है कि इस किट से जांच को राष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल किया जा सकेगा। ऐसा होने पर कोरोना की तरह पूरे देशभर में अभियान चलाकर महिलाओं की स्क्रीनिंग की जा सकेगी।
नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज (एनएएमएस) की टास्क फोर्स के मुताबिक, महिलाओं में होने वाला ये दूसरा सबसे बड़ा कैंसर है। मौजूदा समय में एक लाख महिलाओं में से 17.7 महिलाओं में यह कैंसर होता है। लास्ट स्टेज पर कैंसर का पता चलने के वजह से लगभग 12.2 महिलाएं दम तोड़ देती हैं। क्योंकि देर से पता चलने के कारण समय पर इलाज नहीं हो पाता। सोमवार को एनएएमएस के 65वें स्थापना दिवस पर इस कैंसर से जुड़े आंकड़े जारी किए गए।
एनएएमएस की उपाध्यक्ष डॉ. नीरजा भाटला ने बताया है कि सर्वाइकल कैंसर को लेकर जागरूकता बढ़ने व शोध होने से देश में यह मामले तेजी से घट रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि इसे घटाकर एक लाख महिलाओं में 4.1 तक पहुंचाना है।उनका कहना है कि जांच के लिए स्वदेशी किट तैयार है। यह सस्ती होने के साथ विश्व स्तर के मानकों पर खरी उतरी है। उम्मीद है कि इसे राष्ट्रीय कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा लड़कियों के लिए वैक्सीनेशन भी जारी किया जा रहा है, जिससे कैंसर की रोकथाम में काफी हद तक मदद मिलेगी।
तेजी से बढ़ रहा है स्तन कैंसर
पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ के निदेशक डॉ. विवेक लाल ने बताया है कि देश में स्तन कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में साल भर में दो लाख नए मामले सामने आते हैं। इनमें लगभग 60 फीसदी मामले एडवांस स्टेज के होते हैं
जिनका समय पर इलाज नहीं हो पाता। यह महिलाओं के साथ पुरुषों में भी होता है। यदि लोगों को इस बीमारी के बारे में बताया जाए तो समस्या की रोकथाम में मदद मिलेगी। इसलिए लोगों को स्तन कैंसर के बारे में जानना जरूरी हो गया है। लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करवाने की सलाह दी जाए। यदि समय पर जांच होकर रोग पकड़ में आता है तो 100 फीसदी इलाज संभव है। स्तन में यदि किसी भी तरह की गांठ, सूजन दिखे तो नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
10 प्रतिशत महिलाओं को होता है ये वायरस
सर्वाइकल कैंसर के लिए जिम्मेदार ह्यूमन पैपिलोमा वायरस जोकि सभी महिलाओं में होता है, लेकिन 90 प्रतिशत महिलाओं में यह अपने आप खत्म हो जाता है। केवल 10 प्रतिशत महिलाओं में ही बढ़ता है, जो आगे चलकर कैंसर का रूप ले लेती है।
कैंसर वापस आने की संभावना
डॉ. नीरजा ने कहा कि कैंसर फिर लौट सकता है। मरीज को नियमित डॉक्टर से जांच करवाते रहना चाहिए। जांच के मुताबिक ऐसा देखा गया है कि कैंसर होने वाले व्यक्ति को दूसरी जगह का कैंसर हो सकता है।
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