UP: प्रदेश में गर्मी की छुट्टियों में समर कैंप आयोजन करने का शिक्षामित्रों व अनुदेशकों ने विरोध किया है। प्रदेश के सेल्फ फाइनेंस माध्यमिक विद्यालयों में समर कैंप को लेकर मिली राहत के बाद अब बेसिक विद्यालयों में समर कैंप के आयोजन का विरोध बढ़ गया है।
कई शिक्षक व शिक्षामित्रों ने मिलकर भीषण गर्मी व सुविधाओं के अभाव में समर कैंप का आयोजन को अव्यवहारिक बताया है। समर कैंप को लेकर अपने विचार को रखते हुए उनका कहना है कि यह छोटे बच्चों के स्वास्थ्य के साथ-साथ शिक्षामित्रों व अनुदेशकों स्वास्थ्य के साथ भी खिलवाड़ है।
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक मनोज मौर्य ने कहा..
जूनियर हाईस्कूल शिक्षक मनोज मौर्य ने कहा कि भीषण गर्मी के कारण पहले से ही बहुत कम बच्चे स्कूल आ रहे हैं। गांव में तो बिजली की भी समस्या अधिक है। वहीं विद्यालयों में संसाधन भी नहीं हैं। हर जूनियर विद्यालय में अनुदेशक भी नहीं हैं। शिक्षक शिक्षामित्र उत्थान समिति के प्रदेश सचिव उबैद अहमद सिद्दीकी ने शिक्षामित्रों को ही समर कैंप के आयोजन में लगाने का विरोध किया है।
विद्यालयों में समर कैंप का आयेजन
आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के राम सागर ने विभाग से सवाल किया कि क्या शिक्षामित्र-अनुदेशकों को लू नहीं लगती है। उनके स्वास्थ्य के लिए कौन जिम्मेदार होगा। हम आपको बता दें कि परिषदीय विद्यालयों में 21 मई से 15 जून के बीच विद्यालयों में समर कैंप का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान विभाग ने इसके लिए शिक्षामित्र अनुदेशकों को ही तैनात करने का निर्देश दिया है। उन्हें इस अवधि के लिए 6000 रुपये मानदेय व 2000 रुपये स्टेशनरी खर्च के लिए विद्यालय को दिए जाएंगे।
शिक्षामित्रों के समर कैंप के मुद्दे पर साधी चुप्पी
इसमें उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ व उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ दो मुख्यालय है। लेकिन इन दोनों संगठनों ने सिर्फ शिक्षामित्रों-अनुदेशकों के भरोसे ही समर कैंप के आयोजन को लेकर कोई बयान तक नहीं जारी किया। उनकी लड़ाई लड़ना तो दूर की बात है।
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