अग्निवीरों को मिलेगा सरकारी नौकरियों में आरक्षण, CM धामी ने निभाया वादा

Uttarakhand: उत्तराखंड की धामी सरकार राज्य की सरकारी नौकरियों में अग्निवीरों को आरक्षण देने का अपना वादा पूरा कर दिया है. इसी के साथ राज्य में अब पूर्व अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण लागू हो गया है. जिसे लेकर उत्तराखंड के कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने विधिवत तौर पर आरक्षण नियमावली 2025 जारी कर दी. जिसके तहत अब उत्तराखंड राज्याधीन सेवाओं में समूह ग की सीधी भर्ती के वर्दीधारी पदों पर पूर्व अग्निवीरों को दस प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा.

इन विभागों में मिलेगा आरक्षण

इस नियमावली के तहत अब सेवामुक्त अग्निवीरों को पुलिस आरक्षी (नागरिक/पीएसी), उप निरीक्षक, प्लाटून कमांडर पीएसी, अग्निशामक, अग्निशमन द्वितीय अधिकारी, बंदी रक्षक, उप कारापाल, वन आरक्षी, वन दरोगा, आबकारी सिपाही, प्रवर्तन सिपाही और सचिवालय रक्षक जैसे महत्वपूर्ण वर्दीधारी पदों पर 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण मिलेगा. साथ ही, उन्हें टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में भी सेवायोजित किए जाने का रास्ता साफ हो गया है.

इस फैसले से अग्निवीरों को सरकारी सेवाओं में रोजगार पाने का अवसर मिलेगा और उनकी सेवाओं का सम्मान भी बढ़ेगा. यह फैसला उत्तराखंड सरकार की सामाजिक और सैनिक समुदाय के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

धामी का मास्टर स्ट्रोक

सैन्य बहुल प्रदेश होने के नाते उत्तराखंड सरकार के इस फैसले को “मास्टर स्ट्रोक” माना जा रहा है. विशेषज्ञों का कहना है कि इससे न केवल अग्निवीरों का भविष्य सुरक्षित होगा बल्कि युवाओं में सेना से जुड़ने की प्रेरणा भी बढ़ेगी. मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “देश की सेवा कर लौटे पूर्व अग्निवीर प्रदेश का गौरव हैं. उन्हें सम्मान और रोजगार का अवसर देना हमारी जिम्मेदारी है. यह निर्णय सेवामुक्त हुए अग्निवीरों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक ठोस कदम है. हमारी सरकार पूर्व सैनिकों और अग्निवीरों को हर तरह से सेवायोजन का प्रयास कर रही है.”

शहीदों के परिवारों में मिलने वाली अनुग्रह राशि में भी बढ़ोतरी

इसके साथ ही धामी सरकार ने शहीद सैनिकों और वीर बलिदानियों के परिवारों को मिलने वाली अनुग्रह राशि में भी भारी इजाफा किया है. जिसके तहत अब राज्य सरकार अब शहीदों के परिवार को 50 लाख रुयये की अनुग्रह राशि देगी. जो पहले सिर्फ 10 लाख रुपये हुआ करती थी. जबकि परमवीर चक्र विजेताओं को राज्य सरकार 1.50 करोड़ रुपये देगी जो पहले सिर्फ 50  लाख रुपये होती थी. इसकेसाथ ही शहीदों के किसी एक परिजन को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी.

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