Up news: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 1 सितंबर से पूरे प्रदेश में सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान के तहत ‘नो हेलमेट, नो पेट्रोल’ अभियान शुरू हो गया है. संगम नगरी प्रयागराज समेत कई जिलों में पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल देने से मना किया जा रहा है. जिस कारण पेट्रोल पम्प कर्मियों को ग्राहकों की नाराजगी भी झेलनी पड़ रही है.
बिना हेलमेट नहीं मिल रहा पेट्रोल
पेट्रोल पंप कर्मचारियों ने लोगों से अनूठे अंदाज में हाथ जोड़कर अपील की कि बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं दिया जाएगा. मैनेजर के मुताबिक, लगभग 90 फीसदी लोग हेलमेट पहनकर ही पेट्रोल लेने आ रहे हैं, जबकि करीब 10 फीसदी लोग अभी भी बिना हेलमेट पेट्रोल लेने पहुंच रहे हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद कर रहे हैं मॉनिटरिंग
आज से शुरू हुआ यह सड़क सुरक्षा अभियान 30 सितंबर तक लगातार चलाया जाएगा. इसकी मॉनिटरिंग खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं. हालांकि पेट्रोल पंप कर्मचारियों का कहना है कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए उन्हें पुलिस और प्रशासन का भी सहयोग मिलना चाहिए. क्योंकि कई बार बगैर हेलमेट पेट्रोल ना देने पर लोग मारपीट पर उतारू हो जाते हैं और असहज स्थिति पैदा हो जाती है.
प्रयागराज में पेट्रोल पंप कर्मचारियों से नोकझोंक
अभियान के पहले दिन प्रयागराज के पेट्रोल पंपों पर कई लोग बिना हेलमेट के पेट्रोल लेने पहुंचे, लेकिन कर्मचारियों ने उन्हें हेलमेट की अनिवार्यता के बारे में समझाया. सिविल लाइंस स्थित भारत पेट्रोलियम पेट्रोल पंप के मैनेजर कमल तिवारी ने बताया कि कई लोगों ने बिना हेलमेट पेट्रोल न मिलने पर कर्मचारियों से नोकझोंक की. इसके बावजूद, कर्मचारियों ने अनूठे अंदाज में हाथ जोड़कर लोगों से हेलमेट पहनने की अपील की और सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया
गाजियाबाद में भी दिखा असर
ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि शुरू में थोड़ी दिक्कत और बहानेबाजी जरूर होगी लेकिन समय के साथ लोग गंभीर हो जाएंगे. सरकार ने यह अभियान लोगों को सुरक्षित रखने के लिए शुरू किया है और अब गाजियाबाद के लगभग सभी पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट पेट्रोल नहीं दिया जा रहा है.
भदोही का हाल
भदोही जिले में नो हेलमेट-नो फ्यूल अभियान का सोमवार को पहले ही दिन प्रभाव बेहद कम दिखा. खासकर ग्रामीण इलाकों में इसे लेकर लोग लापरवाह नजर आए. पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट के ही पेट्रोल दिया गया.
बिना हेलमेट पेट्रोल लेने वालों में युवाओं की संख्या अधिक रही. जनपद के 80 फीसदी पेट्रोल पंपों आदेश हवा हवाई रहा. जिलापूर्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल 98 पेट्रोल पंप हैं. हेलमेल न लगाने से होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए शासन स्तर से प्रदेशभर में सितंबर से नो हेलमेट-नो फ्यूल अभियान की शुरुआत की गई है.
आजमगढ़ का हाल
अभियान के पहले दिन सोमवार को पड़ताल में ज्यादातर पेट्रोल पंपों पर बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन सवारों को पेट्रोल दिया गया. कहीं कोई रोक टोक पंप कर्मियों की ओर से नहीं की गई. तेल कंपनियों और परिवहन विभाग की चुप्पी से नियम-कायदे सब धुआं-धुआं है. शहर से लेकर देहात तक के पंप डीलरों के अनुसार कुछ दिन तक सख्ती की गई लेकिन लोगों ने इसका विरोध किया. बिना हेलमेट के पंप पर पहुंच जाते हैं और जबरन तेल लेने का दबाव बनाते हैं. नोकझोंक से बचने के लिए पंपकर्मी भी तेल दे देते हैं.
प्रशासन और पुलिस सहयोग की मांग
पेट्रोल पंप कर्मचारियों ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए पुलिस और प्रशासन का सहयोग जरूरी है. कई बार बिना हेलमेट वालों को पेट्रोल न देने पर लोग आक्रामक हो जाते हैं, जिससे असहज स्थिति बन जाती है. कर्मचारियों ने मांग की है कि पुलिस की मौजूदगी से ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है. साथ ही ग्राहक भी नियंत्रित रहेंगे.
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