चंद्रग्रहण को लेकर चारधाम समेत प्रदेश के कई मंदिरों के कपाट बंद, अब इस दिन खुलेंगे

Uttarakhand: उत्तराखंड के चारधाम और प्रदेशभर के प्रमुख मंदिरों पर आज रविवार (7 सिंतबर) की रात में लगने वाले चंद्रग्रहण का प्रभाव भी दिख रहा है निर्धारित परंपराओं के अनुसार ग्रहण के सूतक काल की शुरुआत नौ घंटे पूर्व हो जाती है, इसी कारण रविवार (7 सिंतबर) दोपहर 12 बजकर 58 मिनट पर बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के साथ प्रदेशभर के सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए.

केदारनाथ धाम समेत कई मंदिर रहेंगे बंद

बद्रीनाथ धाम के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने एबीपी लाइव से बात करते हुए कहा कि चंद्रग्रहण रविवार रात 9 बजकर 56 मिनट से प्रारंभ होगा, इसी कारण बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के साथ-साथ ज्योतिर्मठ स्थित नृसिंह मंदिर, पांडुकेश्वर का योग बदरी और भविष्य बदरी मंदिर भी बंद रहेंगे. 

ग्रहण समाप्ति के बाद सोमवार यानी (8 सितंबर) को सुबह गर्भगृह की शुद्धि, साफ-सफाई और धार्मिक परंपराओं के निर्वहन के बाद ही कपाट दोबारा से खोले जाएंगे और नियमित पूजा-अर्चना शुरू होगी जिसमें श्रद्धालु दर्शन भी कर सकेंगें.

गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट भी हुए बंद

इसी प्रकार गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भी रविवार दोपहर ही बंद कर दिए गए. गंगोत्री धाम मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि कपाट परंपरागत मान्यता के अनुसार सूतक शुरू होने के समय बंद किए गए हैं. वहीं काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत अजय पुरी ने भी पुष्टि की कि मंदिर सोमवार सुबह तक बंद रहेंगे.

काशी विश्वनाथ मंदिर में अलग मान्यता

काशी विश्वनाथ मंदिर से मिली जानकारी के मुताबिक मंदिर चंद्र ग्रहण या सूर्य ग्रहण के करीब 2.5 घंटे पहले ही मंदिर के कपाट बंद दर्शन के लिए बंद होते हैं. पूरे सूतक काल के लिए मंदिर बंद नहीं होगा. शिव स्वरूप काशी विश्वनाथ तीन लोक के स्वामी हैं. सुर-असुर, यक्ष, गंधर्व, किन्नर के पालक हैं. ऐसे में सूतक का प्रभाव उन पर नहीं होता है. ग्रहण वाले दिन बाबा विश्वनाथ की संध्या आरती शाम 4 से 5 बजे तक होगी. शृंगार भोग आरती 5:30 से 6:30 बजे तक चलेगी. शयन आरती शाम 7 से 7:30 बजे तक होगी. फिर शयन आरती के बाद मंदिर के कपाट बंद होंगे.

इसे भी पढ़ें:-दिल्ली में हथियार तस्करों का भंडाफोड़, MP से NCR में अपराधियों को कराते थे मुहैया, दो गिरफ्तार

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *