Astronomers: खगोलविदों ने आकाशगंगा में एक तारे को देखा गया है, जो सूर्य के आकार के बराबर ही है और लगभग 500 मिलियन प्रकाश वर्ष दूर एक ब्लैक होल द्वारा ‘बार-बार खंडित और निगला’ जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस नाटकीय घटना से लगभग हर 25 दिनों में प्रकाश का नियमित विस्फोट उत्पन्न होता था, जिसे लीसेस्टर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा देखा गया।
आपको बता दें कि ब्लैक-होल का विस्फोट, जिसे आमतौर पर ज्वारीय व्यवधान की घटनाओं के रूप में जाना जाता है, तब प्रकट होता है जब कोई तारा ब्लैक-होल में समा जाता है। हालांकि, बार-बार प्रकाश के उत्सर्जन का अर्थ है कि तारा आंशिक रूप से नष्ट हो रहा है। वहीं, शोधकर्ताओं के मुताबिक, जिन मामलों में बार-बार विस्फोट होता है, उनमें दो प्रकार होते हैं- पहला जो हर साल होते हैं और दूसरा जो हर कुछ घंटों में होते हैं।
शाधकर्ताओं के एक टीम ने कहा कि तारे के बार-बार टूटने के इस मामले में, प्रकाश उत्सर्जन की घटना 25 दिनों में एक बार हो रही थी। इस तारे को स्विफ्ट J0230 नाम दिया गया था, जो अपेक्षा के अनुरूप क्षय होने के बजाय, सात से 10 दिनों के लिए चमकना शुरू कर देता था, और फिर अचानक बंद हो जाता, और फिर यह प्रक्रिया को हर 25 दिनों में दोबरा से होने लगता है।
डॉ. रॉबर्ट आइल्स-फेरिस ने बताया कि ‘अतीत में हमने जो भी प्रणालियां देखी हैं, उनमें से अधिकांश में तारा पूरी तरह से नष्ट हो गया है। स्विफ्ट J0230 आंशिक रूप से नष्ट हो रहा है। यह एक रोमांचक घटनाक्रम है।’
वहीं, फिल इवांस ने कहा कि ‘यह पहली बार है कि हमने अपने सूर्य जैसे तारे को बार-बार कम द्रव्यमान वाले ब्लैक होल द्वारा टुकड़े-टुकड़े होते और समाप्त होते देखा है।’ स्विफ्ट J0230 विस्फोट के मॉडल के माध्यम से, यह सुझाव दिया गया कि तारा सूर्य जितना बड़ा था और कम द्रव्यमान वाले ब्लैक-होल के पास एक अण्डाकार कक्षा में चक्कर लगा रहा था। स्विफ्ट J0230 का द्रव्यमान तीन पृथ्वियों के बराबर था, वह ब्लैक होल में गिरकर गर्म हो गया।