Akshay tritya 2025 : नक्षत्र के अनुसार इस बार अक्षय तृतीया दुर्लभ संयोगों में 30 अप्रैल को मनाई जाएगी। इसकी मान्यता 29 अप्रैल मंगलवार को शाम 5:30 बजे से जारी की गई है जो बुधवार दोपहर 2:11 तक रहेगा। इसी दौरान उदया तिथि की प्रधानता के अनुसार अक्षय तृतीया बुधवार को मनाई जाएगी।
बरेली के ज्योतिष का कहना है कि इस बार अक्षय तृतीया पर्व पर रोहिणी और मृगशिरा नक्षत्र दोनों का संयोग रहेगा। यह दोनों नक्षत्र यश वैभव धन संपदा के लिए योग्य माने जाते हैं। इन नक्षत्र में आप खरीदारी भी कर सकते है जोकि बहुत ही शुभ माना गया है। इस दिन सुकर्मा योग भी बन रहा है जो पूजा पाठ के लिए फलदायक है इस दिन आपकी सभी मनोकामनाओं के पूर्ण होने की संभवता अधिक है।
इस बार अक्षय तृतीया पर बुध, शुक्र, शनि और राहु ग्रह एक साथ बृहस्पति की मीन राशि में रहेंगे, जिससे चतुर्ग्रही योग बनेगा। इस दिन हर पूजा का फल चौगुना मिलेगा। इन मंगलकारी योगों के चलते इस दिन भूमि, भवन, वाहन, आभूषण, बर्तन इत्यादि की खरीदारी करना अत्यंत शुभ माना गया है। अक्षय तृतीया अबूझ मुहूर्त में से एक है, यह दिन विवाह के लिए अत्यंत शुभ है इस दिन आप बिना विचार किए पूजा-पाठ या विवाह कार्यक्रम कर सकते हैं।
इस दिन मां गंगा अवतरित हुई धरती पर
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत अक्षय तृतीया के दिन से ही हुई थी। इस दिन भगवान विष्णु ने नर नारायण का अवतार भी लिया था। भगवान परशुराम का जन्म भी अक्षय तृतीया पर ही हुआ था।
इसी शुभ तिथि से ही महाभारत का काव्य लिखना शुरू किया गया था, अक्षय तृतीया से ही बद्रीनाथ के कपाट खुलते हैं। मान्यता दी गई है कि इसी दिन विष्णु जी के चरणों से मां गंगा धरती पर अवतरित हुईं थीं। अक्षय का अर्थ ही है कि कभी क्षय न होने वाला, इसलिए इस दिन नए कार्य की शुरुआत करना शुभ माना जाता है।
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