Hanuman Janmotsav 2025: पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जयंती मनाया जाता है इस बार 12 अप्रैल 2025 को हनुमान जन्मोत्सव है, जिसे हनुमान जयंती भी कहते हैं। माना जाता है, कि चैत्र महीने की पूर्णिमा को वीर बजरंगी का जन्म हुआ था, जिसके उपलक्ष्य में हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है।
इस दिन प्रभु की सच्चे मन से उपासना करने और बूंदी का भोग लगाने से वह भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं, जिसके प्रभाव से जातक को मानसिक शांति और शत्रुओं से मुक्ति प्राप्त होती हैं। वहीं यह दिन उन लोगों के लिए और भी खास है, जो शनि की ढैय्या व साढ़ेसाती से गुजर रहे हैं।
ज्योतिषियों के अनुसार शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या से बचने के लिए सदैव संकटमोचन का पूजन किया जाता है और इस साल महावीर हनुमान जन्मोत्सव पर शनिवार का संयोग बन रहा है। इसलिए इस दिन कुछ खास उपाय करने से इसके अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है। आइए इन उपायों के बारे में जानते हैं…
ढैय्या-साढ़ेसाती से बचने के लिए करें ये उपाय
ज्योतिषियों के मुताबिक हनुमान जन्मोत्सव के अवसर पर आप हनुमान जी को पान का बीड़ा चढ़ाने से अत्यधिक प्रसन्न होते है इसके बाद कुछ कागजी बादाम लेकर उसे काले रंग के कपड़े में बांध लें। फिर इसे आप अपने घर की दक्षिण दिशा में किसी गुप्त स्थान पर रख दें। अगले दिन शनि मंदिर में जाकर इसे रख दें। इससे साढ़ेसाती से मिलने वाले नकारात्मक परिणामों से मुक्ति प्राप्त होती हैं।
हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर आप उपवास रखें और महावीर बजरंगबली को सिंदूर व चमेली का तेल चढ़ाएं। इसके बाद बरगद के पेड़ के कम से कम 8 पत्तों पर सिंदूर से राम-नाम लिखें। इसकी एक माला बनाकर हनुमान जी को अर्पित करें। कहते हैं कि इस उपाय को करने से शनि साढ़ेसाती व ढैय्या के प्रभाव में कमी आती है।
- ज्योतिषियों के मुताबिक आप सरसों के तेल में सिंदूर मिलाकर घर के सभी दरवाजों पर स्वास्तिक का निशान बनाएं। इससे शनि देव की कृपा हम सभी पर बनी रहती है।
- हनुमान जन्मोत्सव के दिन आप हनुमान जी की पूजा करें। इसके बाद आप एकांत में भगवान राम के नाम का जप करें। मान्यता है कि ऐसा करने पर हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं को पूरी करते हैं तथा सभी प्रकार के संकट से भी बचाते हैं।
- हनुमान जन्मोत्स के दिन हनुमान मंदिर में चमेली के तेल का दीपक जलाएं। इस दौरान प्रभु को गुड़ का भोग लगाएं और हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से अपने जीवन में आ रही बाधाओं को दूर कर सकते हैं।