26 लाख दीपों से जगमग हुई अयोध्या, बना विश्व रिकॉर्ड, देखें तस्वीरें

Ayodhya: दीपोत्सव ने प्रतिवर्ष नया कीर्तिमान स्थापित किया. योगी सरकार के नौवें और 500 वर्ष बाद मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के अपने महल में विराजमान होने के दूसरे दीपोत्सव में अयोध्या ने फिर से दो नए रिकॉर्ड बनाए. नया कीर्तिमान बनाते हुए दीपोत्सव 2025 में 26,17,215 (26 लाख, 17 हजार 215) दीप प्रज्ज्वलित किए गए.

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अयोध्या के प्रति प्रतिबद्धता ने फिर से रामनगरी को वैश्विक रिकॉर्ड सूची में दर्ज कराया है. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस ‘भव्य दीपोत्सव’ को देखा और अंततः एक साथ एक स्थान पर इतनी बड़ी संख्या में दीप प्रज्ज्वलन को फिर से विश्व कीर्तिमान का दर्जा दिया.

विदेशों से भी पहुंचे पर्यटक

भव्य आयोजन को देखने के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी पर्यटक पहुंचे. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की टीम ने मौके पर पहुंचकर इस आयोजन को प्रत्यक्ष रूप से देखा और इसकी औपचारिक पुष्टि की. पिछले वर्ष 2024 में प्रभु की नगरी 25,12,585 दीपों से जगमगाई थी. वहीं, दूसरा रिकॉर्ड सरयू मैया की आरती का रहा, जहां इस वर्ष एक साथ 2,128 वेदाचार्यों, अर्चकों व साधकों ने सरयू मैया की आरती की.

सरयू घाट को जगमग बनाने की योजना साकार

अयोध्या में इस अद्भुत आयोजन की तैयारियां कई महीनों से चल रही थीं. हजारों कर्मचारी और वालंटियर्स ने दिन-रात मेहनत कर सरयू घाट को जगमग बनाने की योजना को साकार किया. दीपोत्सव 2025 ने यह साबित कर दिया कि जब श्रद्धा, अनुशासन और प्रशासनिक समन्वय एक साथ चलते हैं तो असंभव भी संभव हो जाता है

‘जय श्री राम’ के उद्घोष से गुंजायमान हुआ अयोध्या

दीप प्रज्ज्वलन का नियत समय शुरू होते ही ‘श्री राम जय राम जय जय राम’ के जयघोष के साथ एक-एक कर 26 लाख 17 हजार 215 दीप जलाए गए. गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधियों द्वारा कीर्तिमान रचने की घोषणा के साथ ही पूरी अयोध्या ‘जय श्री राम’ के उद्घोष से गुंजायमान हो उठी.

लाखों दीप एक साथ हुए प्रज्वलित

शनिवार 19 अक्‍टूबर को जैसे ही सूर्य अस्त हुआ, सरयू नदी का किनारा दीपों की रोशनी से ऐसा जगमगा उठा जैसे धरती पर स्वर्ग उतर आया हो. घाट की सीढ़ियों, राम की पैड़ी और तटों पर लाखों दीप एक साथ प्रज्वलित हुए तो हर दिशा से ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष गूंज उठे. दीपों की सुनहरी रोशनी सरयू के जल में प्रतिबिंबित होकर अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रही थी. 

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