Ayodhya : राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि तीन, चार व पांच जून को किसी को आमंत्रित नहीं किया गया है। कोई भी प्राण प्रतिष्ठा शब्द सुनकर अयोध्या ना आए। राम मंदिर सिर्फ वही लोग अयोध्या आएं जिन्हें रामलला का दर्शन करना होगा।
राम दरबार में मंदिरों की होगी प्राण प्रतिष्ठा
मौसम अनुकूल न होने के कारण उन्होंने बताया कि अयोध्या में 3 व 4 जून को कोई प्राण प्रतिष्ठा नही है। राम दरबार व परकोटे में बनाए गए मंदिरों का दर्शन कुछ दिन तक श्रद्धालु नहीं कर पाएंगे। मौसम को लेकर राम मंदिर निर्माण में कुछ बाधाएं अभी सामने आ रही हैं। जानकारी के दौरान चंपत राय ने कहा कि पांच जून को राम दरबार व परकोटे में बने मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। बता दें कि आज दो जून को शाम 4:00 बजे सरयू तट से जल कलश यात्रा राम मंदिर के लिए निकलेगी। कल तीन जून 6:30 बजे अनुष्ठान शुरू होगा।
सुरक्षा को लेकर एसएसपी ने कहा
बता दें कि पांच जून को अयोध्या में पूरी तरह से बन कर तैयार हो जाएगा और दूसरे प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। दर्शन के लिए श्रद्धालुओ में भी भारी उत्साह है। भक्त रामलला के दर्शन करने के बाद राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर उत्साहित हैं। सुरक्षा की जानकारी देते हुए एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि रामनगरी फुलप्रूफ सुरक्षा के लिहाज से परिपूर्ण है। इसके साथ ही जो श्रद्धालु अयोध्या में दर्शन करने आ रहे हैं, उनको भी कोई दिक्कत न होने पाए, इसका भी ख्याल रखा जा रहा है।
उप मंदिरों में भी मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा
इसके साथ ही राजा राम और सात अन्य उप मंदिरों में भी स्थापित मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसमें परकोटा के ईशान कोण पर शिवलिंग, अग्नि कोण में प्रथम पूज्य श्रीगणेश, दक्षिणी भुजा के मध्य में महाबली हनुमान, नैरित्र कोण में प्रत्यक्ष देवता सूर्य, वायव्य कोण में मां भगवती, उत्तरी भुजा के मध्य में अन्नपूर्णा माता के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी।
16 महीने बाद राजा राम की हो रही प्राण प्रतिष्ठा
जानकारी के मुताबिक, 16 महीने बाद अयोध्या में पूरी तरह से बनकर तैयार भव्य राम मंदिर के एक और प्राण प्रतिष्ठा और अभिषेक समारोह की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है। पिछले वर्ष 22 जनवरी को लोकसभा चुनाव से पहले भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। जिसमें 8000 से अधिक लोगों ने भाग लिया था। बता दें कि इसके मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे। इस बार मुख्य अतिथि के रूप में सीएम योगी मौजूद रहेंगे।
राम मंदिर के पहले तल पर होगा राजाराम का दरबार
अयोध्या में राम मंदिर भवन निर्माण समिति का गठन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किया गया था। बता दें कि इसकी कमान प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र संभाल रहे हैं। राम मंदिर के पहले तल पर ही राजाराम का दरबार होगा। यहां सभी कार्य पूरे हो चुके हैं। परकोटा के बीच निर्मित छह पूरक मंदिरों व सप्त ऋषियों के सात मंदिरो में भी कपाट लगाने का काम पूरा हो गया है।
वही कुछ काम अभी भी शेष है और शिव मंदिर में शिवलिंग की स्थापना का काम चल रहा है। राम मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है। इसकी लंबाई पूरब पश्चिम 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फिट है। यह कुल 392 खंभों और 44 दरवाजों से युक्त है।
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