Balia : नगर के टाउन डिग्री कालेज मैदान में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के संकल्प से चल रहे श्रीराम कथा में कथावाचक प्रेम भूषण जी महराज ने निषादराज गुह, सीता हरण व सबरी आदि की कथा सुनाई. आठवें दिन कथागायन शुरू हुआ तो पूरा पंडाल भक्ति के रस में डूब गया. प्रेमभूषण महाराज ने कहा कि मनुष्य किसी भी कार्य की सफलता को जब अपनी करनी मानता है, तभी अहंकार का जन्म होता है. अगर हम उसे भगवत कृपा मान लेते हैं तो हम अहंकार से अलग होकर संस्कार में प्रवेश करते हैं. महाराज ने कहा परमार्थ की यात्रा अत्यन्त सरल है, केवल प्रयास करने की आवश्यकता होती है. इस क्रम में महाराज ने दर्जनों भजनों का गायन कर कथा पंडाल में उपस्थित श्रोताओं को भावविभोर कर दिया. मनुष्य का मूल कार्य है सत्कर्म में लगे रहना, लेकिन अधिसंख्य लोग मूल को ही भूलकर बैठ जाते हैं. भगवान और सत्कर्मों में जिसकी जितनी श्रद्धा होती है, उतना ही हमारा कल्याण भी होता है. मनुष्य को संसार की चर्चा और चिंता करने से पहले स्वयं के बारे में विचार करने की जरूरत है. हमें अपने स्वयं के लिए भगवान के आश्रय में जाने की आवश्यकता होती है किसी और के लिए नहीं. भक्ति पथ पर रहने के लिए ही निरंतर भगवान की कथा का श्रवण करना आवश्यक है. केवल जगदीश में रहने से ही कल्याण होगा. कथा के दौरान व्यास पीठ की पूजा परिवहन मंत्री की माताजी तेतरी देवी, अनुज धर्मेंद्र सिंह व इनकी पत्नी सारिका सिंह, सुनील सिंह आदि ने किया.