Sixty plus Women: 60 के बाद भी रहना है हेल्दी एंड फिट, तो फॉलो करें वूमेन हेल्थ केयर टिप्स

Health Care Tips For Sixty plus Women: उम्र बढ़ने के साथ साथ शरीर कमजारे होने लगता है। जिसकी वजह से लोग कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ जाते है। खासतौर से महिलाओं के साथ ये समस्‍याएं ज्‍यादा होती है। इसलिए महिलाओं को साठ वर्ष की उम्र में पहुंचते ही कुछ चीजों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। ये आपको 60 वर्ष की उम्र के बाद भी फिजिकली और मेंटली स्ट्रॉन्ग रखने में हेल्प कर सकते है। तो चलिए जानते हैं कुछ वूमेन हेल्थ केयर टिप्स के बारे में।

ब्रेन की एक्सरसाइज है जरूरी

जब महिलाएं अपने जीवन का साठवां वर्ष पार करती है तो वह मेंटली और फिजीकली कमजोर होने लगती है। इसलिए साठ वर्ष की उम्र के बाद दिमाग को एक्टिव रखने के लिए आप पजल सॉल्व करने, चेस और सुडोकू जैसे, दिमाग को ज्यादा व्यस्त रखने वाले गेम की मदद ले सकती हैं। इसके साथ ही नई तरह की हॉबी ट्राई करने, नई भाषा को सीखने जैसे कुछ तरीकों की मदद भी ले सकती हैं।

वर्कआउट करें

साठ वर्ष की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते बॉडी की कुछ मसल्स भी सिकुड़ना शुरू कर देती हैं, जिसकी वजह से महिलाओं को कमर, पीठ और घुटनों में दर्द जैसी समस्‍याओं से जूझने लगती हैं। ऐसे में मांसपेशियों को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए आप रेगुलरली फिजिकल एक्सरसाइज या फिर वर्कआउट कर सकती हैं। इससे आपको फिट एंड फाइन रहने में मदद मिल सकती है।

न करें स्मोकिंग

बहुत सी औरतों को स्मोकिंग करने या तम्बाकू खाने की आदत होती है। वैसे तो ये सभी के लिए हानिकारक है लेकिन 60 वर्ष की उम्र के बाद धूम्रपान करने से हार्ट प्रॉब्लम्स और कैंसर जैसी बीमारी होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसे में 60 वर्ष के बाद भी फिट एंड हेल्दी रहने के लिए आपका स्मोकिंग को न कहना बेहतर होगा।

वैक्सीनेशन करवाएं

साठ वर्ष की आयु के बाद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है, इसलिए डॉक्टर की सलाह से जरूरी वैक्सीनेशन करवाती रहें। इससे इम्यूनिटी तो स्ट्रांग बनेगी ही साथ ही बीमारियां भी आप से दूर रहेंगी। जिससे आपकी सेहत दुरुस्त बनी रहेगी और आप खुद को हेल्दी महसूस करेंगी।

स्क्रीनिंग करवाती रहें

साठ वर्ष की उम्र में ज्यादातर महिलाओं की बोन डेंसिटी वीक होने लगती है, जिससे न सिर्फ हड्डियां कमजोर होने का खतरा रहता है, बल्कि ब्रेस्ट कैंसर जैसी बीमारी भी दस्तक दे सकती है। ऐसे में 60 वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं को रेगुलर तौर पर स्क्रीनिंग और टेस्ट करवाना बहुत जरूरी होता है।

 

 

 

 

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