लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान के अस्पताल ब्लॉक में फिलहाल इलाज और जांच की पुरानी व्यवस्था जारी रहेगी। अस्पताल ब्लॉक का लोहिया संस्थान में विलय होने के वक्त जारी शासनादेश के अनुसार अगस्त 2021 के बाद यहां इलाज व जांच की व्यवस्था में बदलाव होना था। लोहिया संस्थान प्रशासन के अनुसार व्यवस्था में किसी प्रकार का बदलाव शासन से निर्देश आने पर ही किया जाएगा। गोमतीनगर में वर्ष 1991 में डॉ. राम मनोहर लोहिया संयुक्त अस्पताल की स्थापना के बाद से लोगों को सस्ता इलाज और जांच की सुविधा मिलनी शुरू हुई थी। 2006 में लोहिया संस्थान की स्थापना हुई। वर्ष 2017-18 में लोहिया संस्थान में एमबीबीएस कोर्स शुरू हुआ। इसके बाद अस्पताल का संस्थान में विलय का कार्यक्रम तैयार किया गया। 27 अगस्त 2019 को विलय संबंधी शासनादेश जारी किया गया। शासनादेश के अनुसार, अगले दो साल तक सभी सुविधाएं पहले की तरह जारी रहेंगी। यह अवधि अब समाप्त हो रही है। इसे देखते हुए यह चर्चा चल रही थी कि अगले महीने से संस्थान में एक रुपये के पर्चे पर इलाज की सुविधा, निशुल्क जांच और निशुल्क दवाओं की सुविधा समाप्त हो जाएगी। संस्थान प्रशासन ने इस पर विराम लगाते हुए शासन से इस संबंध में कोई आदेश आने के बाद ही व्यवस्था में बदलाव की बात कही है।