National Curriculum Framework For Schools: स्कूली शिक्षा के समय को लेकर शिक्षा मंत्रालय एक नया प्रस्ताव लेकर आया है। इस प्रस्ताव में स्कूलों के साप्ताहिक पाठ्यक्रम के समय में परिर्वतन किए जानें की योजना पर जोर दिया गया है। एनसीएफ के मुताबिक, स्कूलों में सोमवार से शुक्रवार तक पांच से साढ़े पांच घंटे की पढ़ाई होगी और बच्चों को फ्री टाइम दिया जाएगा, जिसमें वे अपने इच्छानुसार कार्यो को कर सकेंगे।
शनिवार को कुछ घटें होगी पढ़ाई
आपको बता दें कि इस नए प्रस्ताव में कहा गया है कि स्कूलों में अब सप्ताह में 29 घंटे की पढ़ाई होगी। सोमवार से लेकर शुक्रवार तक स्कूलों में पांच से साढ़े पांच घंटे की पढ़ाई होगी। वहीं, महीने में दो शनिवार को भी कुछ घंटे पढ़ाई होगी और रविवार को सभी स्कूलों की छुट्टी रहेगी।
आपको बता दें कि एनसीएफ ने स्कूली बच्चों को पढ़ाई से बोझ से राहत सिर्फ यहीं तक नहीं दी है बल्कि साल में उनके लिए दस दिन ऐसे तय कर दिए है, जिसमें उन्हें बगैर बस्ते के स्कूल आना होगा। इन दौरान बच्चों को किताबों की जगह मौखिक और प्रयोगों के माध्यम से पढ़ाया जाएगा। इस दौरान साल में स्कूलों में सिर्फ 180 दिन ही कक्षाएं लगेगी। एनसीएफ के तहत साल में वैसे भी राष्ट्रीय अवकाश सहित ग्रीष्म व शीतकालीन छुट्टियां आदि के चलते स्कूल 220 दिन ही खुलते है।
पंचपदी शिक्षण प्रक्रिया पर आधारित है प्रस्ताव
राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे में बच्चों के समूचा विकास हो और उचित माहौल में पढ़ाई हो इसलिए “पंचपदी शिक्षण प्रक्रिया” अपनाने का सुझाव दिया गया। इस पद्धति के तहत शिक्षकों से कहा गया है कि वे पठन-पाठन में किसी विषय को समझाने के लिए पांच चरणों – अदिति(परिचय), बोध, अभ्यास, प्रयोग और प्रसार को शामिल करें। राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा 2023 को इसरो के पूर्व प्रमुख के. कस्तूरीरंगन के नेतृत्व वाली समिति द्वारा तैयार किया गया है।
क्या है पंचपदी शिक्षण प्रक्रिया?
इसमें कहा गया है कि ‘अदिति’ के स्तर पर शिक्षक छात्रों के सम्पर्क करके नये विषय पेश कर सकते हैं। ‘बोध’ के स्तर पर बच्चे शिक्षकों के मार्गदर्शन में नाटक,चर्चा, पुस्तक पाठ, पूछताछ आदि के माध्यम से विषयों को समझने की कोशिश करेंगे। ‘अभ्यास’ के स्तर पर प्रयास करके विषयों एवं सिद्धांतों को समझने एवं समझाने की कोशिश होगी और ‘प्रयोग’ चरण के तहत विभिन्न संसाधनों के जरिये सीखे गए विषयों के बारे में बेहतर समझ बनायी जायेगी। प्रसार चरण के अंतर्गत विषयों को और अधिक समझने के लिए छात्रों से अपने मित्रों के साथ बातचीत, एक दूसरे को नयी कहानियां बताकर, नये गाने गाकर, नयी किताबें पढ़कर, नया खेल खेलकर विषयों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए कहा गया है।