अर्सो बाद बना शिववयोग में हरियाली तीज का विशेष संयोग

बरेली। सावन का महीना चल रहा है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सावन का महीना पूजा और अनुष्ठान करने के लिए सबसे सर्वोत्तम महीना माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार सालभर पूजा न करने वाले अगर इस महीने भगवान शिव की आराधना करते हैं तो पूरे वर्ष भर उनका जीवन खुशियों से भर जाता है। कहा जाता है सावन के महीने में पड़ने वाले व्रतों का महत्व भी कई गुना बढ़ जाता है। ऐसे में हरियाली तीज का व्रत बहुत ही महत्व रखता है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। इस बार हरियाली तीज का त्योहार 11 अगस्त बुधवार को मनाया जाएगा। 27 योगों में सबसे प्रमुख कल्याण दायक शिव योग का संयोग हरियाली तीज पर बना है। यह योग देव पूजन- अर्चन के पुण्य को कई गुना अधिक बढ़ाता है। मान्यता है सावन में शिव योग मे किया गया पूजन दांपत्य जीवन में मिठास, मधुरता, सौंदर्यता और यश दायक होता है। अर्थात इस दिन सुहागिन महिलाओं के द्वारा की गई भगवान शिव- पार्वती की पूजा से अचल सौभाग्य का वरदान प्राप्त होगा। हरियाली तीज का पर्व हर साल श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इसे श्रावणी तीज भी कहते हैं।ये व्रत अत्यंत पावन और फलदायी व्रत माना जाता है, क्योंकि मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था। हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर अपने पति की लम्बी उम्र और सुख समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं। सुहागिन महिलाओं के लिए हरियाली तीज का बहुत खास महत्व होता है। इस दिन महिलाएं पूरी श्रद्धा से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं। पूजा में श्रृंगार की वस्तुएं मां पार्वती को चढ़ाई जाती हैं। इसके बाद हरियाली तीज की कथा सुनकर जेठानी, सास या अपने से बड़ी महिलाओं का आशीर्वाद लेकर उन्हें उपहार भेंट करती हैं। इस तरह से इस व्रत का विधि-विधान पूर्ण माना जाता है।सुहागिन महिलाओं के लिए हरियाली तीज का बहुत खास महत्व होता है।इस दिन महिलाएं पूरी श्रद्धा से भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करती हैं। तृतीया तिथि 10 अगस्त को शाम 6 बजकर 3 मिनट से शुरू होकर 11 अगस्त 2021 को शाम 5 बजकर 1 मिनट पर समाप्त होगी। 11 अगस्त को पूजा करने कुछ शुभ योग बन रहे हैं। पहला बृह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजकर 24 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक है। दूसरा विजया मुहूर्त में दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 7 मिनट तक। इसके अलावा, रवि योग भी बन रहा है, यह सुबह 10 बजकर 42 मिनट से शुरू होकर रात तक रहेगा।

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