कानपुर। जलवायु परिवर्तन की समस्याओं के व्यवहारिक समाधान के उद्देश्य के लिए आईआईटी में चंद्रकांता केसवन सेंटर फॉर एनर्जी पॉलिसी एंड क्लाइमेट सॉल्यूशंस की स्थापना की गई। इस केंद्र की स्थापना के लिए आईआईटी कानपुर और संस्थान के 1976 बैच के पूर्व छात्र सुधाकर केसवन के बीच समझौता हुआ। केंद्र का नाम उनकी मां डॉ. चंद्रकांता के नाम पर रखा गया है। उन्होंने बताया कि डॉ. चंद्रकांता महिलाओं के लिए आदर्श थीं। उन्होंने 1942 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ध्वनिक भौतिकी में पीएचडी की थी। सुधाकर ने केंद्र की विभिन्न गतिविधियों को समर्थन देने के लिए 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया है। संस्थान से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने वाले सुधाकर ने 20 वर्षों तक आईसीएफ इंटरनेशनल में सीईओ के रूप में कार्य किया। सुधाकर ने कहा कि चंद्रकांता केसवन सेंटर नीति, संचार, शिक्षा और आउटरीच प्रयासों में एक नया आयाम जोड़ेगा। संस्थान के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि उन्होंने केंद्र से अगले पांच वर्षों के भीतर आईआईटी कानपुर को कार्बन न्यूट्रल बनने के लिए एक योजना विकसित करने के लिए कहा है। केंद्र का व्यापक उद्देश्य निम्न कार्बन समाधान विकसित करना, एक स्थाई जीवन प्राप्त करने की दिशा में जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों को कम करने में मदद करना है।