Delhi: बिहार के उभरते हुए सितारे वैभव सूर्यवंशी ने खेल के मैदान के बाद अब देश के सर्वोच्च नागरिक मंचों में से एक पर अपनी चमक बिखेरी है. मात्र 14 साल की उम्र में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वाले वैभव को नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वैभव को यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया, जिसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी खास मुलाकात की.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कही ये बात
प्रेसीडेंट द्रौपदी मुर्मू ने इस मौके पर कहा कि आपकी असाधारण प्रतिभा ने वीरता, कला एवं संस्कृति, पर्यावरण, नवाचार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, सामाजिक सेवा और खेल जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया है. आप सभी ने सराहनीय कार्य किया है. समय की कमी के कारण मैं कुछ ही बच्चों का नाम ले पा रही हूं, लेकिन आज सम्मानित किया गया हर बच्चा समान रूप से आदरणीय है.
वैभव ने विजय हजारे ट्रॉफी में ठोका सबसे तेज शतक
वैभव को यह पुरस्कार उनके लगातार शानदार प्रदर्शन के लिए दिया गया है. विजय हजारे ट्रॉफी के पहले मैच में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ उन्होंने मात्र 84 गेंदों में 190 रन की तूफानी पारी खेली, जिसमें 16 चौके और 15 छक्के शामिल थे. इस दौरान उन्होंने मात्र 36 गेंद पर शतक ठोक दिया. इस पारी की बदौलत उन्होंने लिस्ट-A क्रिकेट में कई विश्व रिकॉर्ड तोड़े, जिसमें सबसे कम उम्र में शतक और सबसे तेज 150 रन बनाने का रिकॉर्ड शामिल हैं. बिहार ने उस मैच में 574 का स्कोर बनाया था. यह वनडे क्रिकेट के इतिहास का सबसे बड़ा स्कोर था.
क्यों दिया जाता है राष्ट्रीय बाल पुरस्कार?
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार देश का सबसे प्रतिष्ठित बाल सम्मान है, जो 5 से 18 वर्ष के बच्चों को साहस, कला-संस्कृति, खेल, विज्ञान-प्रौद्योगिकी, नवाचार, सामाजिक सेवा और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में असाधारण उपलब्धियों के लिए दिया जाता है. यह पुरस्कार मेडल, नकद राशि, प्रमाणपत्र और किताब वाउचर के साथ मिलता है. विजेताओं को गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने और दिल्ली दर्शन का मौका भी मिलता है. इस सम्मान से उभरती प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रोत्साहन और पहचान मिलती है.
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