वाराणसी। भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान शहंशाहपुर के नए निदेशक प्रोफेसर तुषार कांति बेहेरा ने मंगलवार को पदभार संभाल लिया है। उन्होंने पूर्व निदेशक डॉ. जगदीश सिंह की जगह ली है। बेहेरा इससे पहले नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के सब्जी विज्ञान संभाग में प्रधान वैज्ञानिक थे। इसके अलावा वह आईआईवीआर झारखंड हजारीबाग में नोडल अधिकारी भी रह चुके हैं। 20 प्रजाति की कद्दू वर्गीय विकसित कर चुके प्रो. बेहेरा के 125 से अधिक अनुसंधान पत्र राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। प्रोफेसर बेहेरा ने बातचीत में बताया कि जैविक खेती आधारित शोध पर जोर रहेगा। साथ ही क्रॉप आधारित शोध पर संस्थान द्वारा विकसित प्रजातियाँ एवं उत्पादन तकनीकी को देश के किसानों तक पहुंचाया जाएगा। जिसे किसान ज्यादा इस्तेमाल करते है। खेती में आधुनिक तकनीक जैसे- जीनोमिक, क्रिस्परकैश, मालीकुलर मार्कर आदि का प्रयोग करते हुए गुणवतायुक्त एवं रोगों से प्रतिरोधी प्रजातियों को विकसित करना प्राथमिकता होगी। बदलते मौसम के परिवेश में सब्जी की पैदावार बढ़ाना, साल भर सब्जी की उपलब्धता, तुड़ाई उपरान्त उचित प्रबंधन, संरक्षित खेती, निर्यात हेतु सब्जियों का विकास, कार्बनिक खेती तथा अधिक तापमान एवं कम पानी में सब्जियों का उत्पादन एवं इन तकनीकों को किसानों तक पहुँचाने को अपनी मुख्य प्राथमिकता होगी।