आठ सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है गंगा का जलस्तर

वाराणसी। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हो रही बरसात से वाराणसी में गंगा के जलस्तर में बढ़ाव तेज हो गया है। आलम यह है कि गंगा के जलस्तर में प्रयागराज से बलिया तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार की रात आठ बजे गंगा का जलस्तर 63.08 मीटर दर्ज किया गया। गंगा के जलस्तर में दोपहर तक बढ़ाव की रफ्तार 8 सेंमी प्रति घंटा थी। वहीं शाम से गंगा की रफ्तार आधी हो गई। शुक्रवार को सुबह गंगा के जलस्तर में दो मीटर से ज्यादा का बढ़ाव दर्ज किया गया। सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 62.52 मीटर था जबकि बृहस्पतिवार की सुबह गंगा का जलस्तर 60.48 मीटर था। पिछले 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में प्रति घंटे आठ सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ोतरी थी। हालत यह है कि गंगा अब सीढ़ियों पर चढ़ने लगी हैं। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में हो रही बारिश की वजह से गंगा के जलस्तर में अभी और तेजी से बढ़ोतरी होगी। वाराणसी में गंगा जलस्तर का चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है। गंगा का जलस्तर बढ़ने की वजह से अस्सी से राजघाट के किनारे स्थित छोटे मंदिर और मढ़ियां पानी में समा गए हैं। गंगा को घाट की सीढ़ियों की ओर बढ़ता देख तीर्थ पुरोहितों और माझियों ने अपना सामान सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। बड़ी नावों को घाटों पर लगे पोलों और भवनों की कड़ियों से बांध दिया गया है। छोटी नावों को घाट के ऊपरी हिस्से की ओर ले जाने का काम शुरू कर दिया गया है। मांझियों का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर का असर खत्म होने के बाद किसी तरह से गंगा में नौकायन शुरू हुआ तो अब बाढ़ आ गई। गंगा का जलस्तर बढ़ने से वरुणा तटवासियों में खलबली मचनी शुरू हो गई है। कोनिया, नक्खी घाट, ऊंचवा, सिंधवा घाट सहित आसपास के अन्य इलाकों के 350 से ज्यादा भवन बाढ़ के पानी से घिर सकते हैं। गंगा का जलस्तर तकरीबन 2 मीटर और बढ़ेगा तो उनकी मुश्किलों का सिलसिला बढ़ जाएगा।

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