आयुष्मान कार्ड से बची जिंदगी, नि:शुल्क इलाज की सुविधा से मरीज हैं खुश

लखनऊ। आयुष्मान कार्ड से एक युवा और एक बुजुर्ग की जिंदगी बच गई है। इन लोगों ने आयुष्मान कार्ड (गोल्डेन कार्ड) के जरिए समय से इलाज करवाए हैं। विभाग ने अपील की है कि जिन लोगों के नाम सूची में शामिल हैं, वह कार्ड जरूर बनवाएं। जानकारी के मुताबिक पॉली ब्लॉक के घघसरा गांव के रहने वाले सुनील (22) के किडनी में स्टोन था। क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) से गोल्डेन कार्ड बनवा दिया था। जुलाई माह में शहर के एक निजी अस्पताल में संपर्क किया तो पता चला कि गोल्डेन कार्ड से निशुल्क इलाज हो जाएगा। इस बीच उन्होंने इलाज कराया अब वह स्वस्थ हैं। खजनी के माल्हनपार चौराहे के निवासी मार्कंडेय (64) के रीढ़ की हड्डी में दिक्कत थी। इलाज के लिए रुपये नहीं थे। इस बीच गोल्डेन कार्ड से शहर के एक निजी अस्पताल में ऑपरेशन कराया। अब वह पूरी तरह से स्वस्थ है। इन लोगों ने बताया कि सही समय पर कार्ड बन गया था। इसकी वजह से इलाज में दिक्कत नहीं हुई। अगर कार्ड न रहता तो इलाज करा पाना मुश्किल होता। आयुष्मान योजना नोडल अधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना के लाभार्थी आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल में भर्ती होकर मुफ्त इलाज करा सकते हैं। जरूरी जांचें एवं दवाईयां एक पूर्ण पैकेज का हिस्सा हैं और पूरी तरह निशुल्क हैं, लेकिन केवल जांच, ओपीडी, अथवा केवल दवाइयों की खरीदी इस योजना का हिस्सा नहीं हैं। जिन लोगों के पास पहले से आयुष्मान कार्ड है, उन्हें इलाज में सहूलियत मिलती है। क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर सभी को कार्ड बनवा लेना चाहिए।

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