प्रयागराज। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के अभिन्न अंग रहे पत्राचार संस्थान के 31 कर्मचारियों के लिए राहत की खबर है। विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की बैठक में पत्राचार संस्थान कर्मचारियों को कर्मचारी भर्ती में समायोजित किया जाएगा। ऐसे में अब संस्थान के कर्मचारी विज्ञापन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पीआरओ डॉ. जया कपूर ने बताया कि पत्राचार संस्थान के लंबित मामले में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया था कि पत्राचार के कर्मचारी, जिनके विषय में कोर्ट का आदेश था, उनको नियमानुसार विश्वविद्यालय की सेवाओं में समावेशित किया जा सकता है। क्योंकि विश्वविद्यालय के पास उनके वित्तीय क्लेम को पूरा करने के लिए पैसा नहीं है। ऐसे में इन कर्मचारियों को मौजूदा रिक्त पदों पर नियमानुसार समायोजित किया जाएगा। कार्य परिषद की पिछली बैठक में पत्राचार संस्थान के कर्मचारियों के मुद्दे पर निर्णय हुआ था। गौरतलब है कि पत्राचार संस्थान में पांच साल पहले सत्र 2016-17 से शैक्षिक गतिविधियों पर रोक लगा दी गई थी। इस बाबत पूर्व कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू के निर्देश पर छह सितंबर 2016 को संस्थान की शैक्षिक गतिविधियों पर रोक लगाई गई थी। संस्थान कर्मचारियों ने न्यायालय में याचिका दाखिल की तो हाईकोर्ट ने मई 2018 में रोक से संबंधित आदेश को निरस्त कर दिया था। इसके विरोध में इविवि प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था। हालांकि 26 जुलाई 2019 को कार्य परिषद की बैठक में संस्थान को बंद करने का निर्णय लिया गया था।