लखनऊ। कोविड संक्रमण के कारण पिछले साल की तरह ही इस बार भी उच्च शिक्षा संस्थानों का नया सत्र कम से कम दो से तीन महीने लेट होगा, क्योंकि अभी इंटर से लेकर स्नातक तक परीक्षा और प्रमोशन को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसका असर नए सत्र 2021-22 में स्नातक व परास्नातक व तकनीकी कोर्सों के प्रवेश पर पड़ना तय है। केंद्र व प्रदेश सरकार ने सीबीएसई व यूपी बोर्ड 12वीं की परीक्षा टालने का तो निर्णय ले लिया। लेकिन अभी इनके प्रमोशन का आधार क्या होगा, इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। क्योंकि पिछले साल हाईस्कूल की ही परीक्षा स्थगित की गई थी। जब तक इंटर के प्रमोशन का फॉर्मूला तय नहीं होगा। इसका परिणाम जारी नहीं होगा। विशेषज्ञों के अनुसार इसमें एक महीना से कम समय नहीं लगेगा। इसके बाद ही अगस्त-सितंबर में विवि-कॉलेजों में प्रवेश हो सकेंगे। हालत ये हैं कि मार्च में प्रवेश आवेदन प्रक्रिया शुरू करने वाले लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने यहां प्रवेश आवेदन की तिथि दूसरी बार 30 जून तक बढ़ा दी है। क्योंकि बिना इंटर के परिणाम के प्रवेश संभव नहीं होंगे। वहीं दूसरी तरफ अप्रैल और मई में प्रस्तावित जेईई मेन और जून में होने वाले जेईई एडवांस परीक्षा को भी कोविड संक्रमण के कारण टाल दिया गया है। अब अगर अप्रैल और मई में स्थगित जेईई मेन का आयोजन जुलाई में हुआ तो अगस्त में एडवांस होगा। इसके बाद आईआईटी, एनआईटी के दाखिले होंगे। ऐसे में प्रदेश के इंजीनियरिंग व फार्मेसी, मैनेजमेंट के प्रवेश सितंबर-अक्टूबर में ही संभव होंगे। इतना ही नहीं नीट को लेकर भी अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसका असर मेडिकल प्रवेश पर भी पड़ेगा। केंद्रीय विश्वविद्यालय में दाखिले केंद्रीकृत व्यवस्था सेंट्रल यूनिवर्सिटी कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट (सीयूसेट) से होंगे या विवि स्तर पर इसे भी लेकर काफी ऊहापोह है। अभी यहां भी यूजी-पीजी प्रवेश की प्रक्रिया नहीं शुरू हो पाई है।