एमपीएमएमसीसी और एचबीसीएच कैंसर अस्पताल में अब बिना चीर-फाड़ के होगी सर्जरी

वाराणसी। वाराणसी स्थित महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र (एमपीएमएमसीसी) और होमी भाभा कैंसर अस्पताल (एचबीसीएच) में कैंसर मरीजों की सर्जरी अब बिना चीर-फाड़ के होगी। ध्वनि यंत्र की माइक्रोलेजर सर्जरी तकनीक से मरीजों को बड़ी राहत होगी। अब तक इस तकनीक से सफलतापूर्वक 20 से अधिक कैंसर मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है। सिर और गले के कैंसर विभाग के प्रभारी डॉ. असीम मिश्रा ने बताया कि माइक्रोलेरेंजियल लेजर सर्जरी का इस्तेमाल ध्वनी यंत्र के कैंसर, ल्युकोप्लेकिया, पोलिप कैंसर और मुंह के शुरुआती कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है। इस सर्जरी को करने में जहां कम समय लगता है, वहीं चेहरे पर कहीं भी सर्जरी (कट) के निशान भी नहीं आते। अस्पताल में अब तक इस विधि से की गई ज्यादातर सर्जरी ध्वनी यंत्र से संबंधित रही। माइक्रोलेरेंजियल लेजर सर्जरी के जरिए ध्वनी यंत्र के कैंसर का इलाज करने वाला एमपीएमएमसीसी राज्य का पहला ऐसा अस्पताल है। इससे पहले यह सर्जरी पूरे उत्तर प्रदेश में कहीं भी उपलब्ध नहीं थी। सर्जरी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके लिए मरीज को ओपन सर्जरी से नहीं गुजरना पड़ता और सर्जरी के कुछ घंटे बाद ही अस्पताल से मरीज को छुट्टी मिल जाती है।

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