केजीएमयू के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में शुरू हुई नियुक्ति की जांच

लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में सहायक आचार्य पद पर हुई नियुक्ति का मामला एक बार फिर चर्चा में है। मेरठ निवासी सर्वेंद्र चौहान की शिकायत के बाद राजभवन के आदेश पर केजीएमयू ने मामले की जांच शुरू कर दी है। आरोप था कि राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा को पास करने वालों को दरकिनार किया गया है। शिकायती पत्र में कहा गया है कि प्लास्टिक सर्जरी विभाग में एमसीएच कोर्स की पढ़ाई होती है। जबकि चयनित डॉक्टर को डीएनबी कोर्स करने के बाद ही सहायक आचार्य पद पर नियुक्ति दी गई है। वहीं भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अन्य अभ्यर्थियों ने सरकार द्वारा आयोजित एमबीबीएस-एमएस तथा एमसीएच प्रवेश परीक्षा में राष्ट्रीय स्तर की मेरिट हासिल कर सरकारी कॉलेज में पढ़ाई की थी। इसके बावजूद इन्हें दरकिनार कर दिया गया। राजभवन से मिले निर्देश के बाद कुलसचिव आशुतोष कुमार द्विवेदी ने प्रति कुलपति की अध्यक्षता में छह सदस्यीय टीम का गठन कर दिया। टीम में प्रति कुलपति डॉ. विनीत शर्मा, सर्जिकल आंकोलॉजी विभग के अध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी, न्यूरो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. बीके ओक्षा, फोरेंसिक मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. अनूप कुमार वर्मा, मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. वीरेंद्र आतम व फैकल्टी इंचार्ज डॉ. मनीष वाजपेई शामिल हैं। टीम को जल्द से जल्द रिपोर्ट देनी है।

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