वाराणसी। कोरोना की दूसरी लहर में वाराणसी समेत आसपास के जिलों में कितने लोगों में हर्ड इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) बनी है, इसका पता लगाने में बीएचयू के वैज्ञानिक जुट गए हैं। इसके लिए सीरो सर्वे कराया जा रहा है। बीएचयू के जूलॉजी डिपार्टमेंट के प्रो. ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि सीरो सर्वे के लिए वाराणसी में सैंपल लिया जा रहा है, जबकि गाजीपुर, जौनपुर, मिर्जापुर, चंदौली, मऊ, आजमगढ़, गोरखपुर सहित अन्य जिलों में 5000 लोगों के सैंपल की जांच की जाएगी। रिपोर्ट आने के बाद उससे सरकार को भी अवगत कराया जाएगा।
विज्ञान संस्थान के साथ ही आईएमएस बीएचयू की टीम सैंपल की जांच कर इसका डेटा एकत्र करेगी। कोरोना की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर में लोग ज्यादा संक्रमित हुए हैं। अप्रैल में तो एक दिन में 2000 से 2500 और उससे अधिक मरीज भी संक्रमित मिले थे। साथ ही संक्रमण दर भी 45 प्रतिशत तक पहुंच गई थी। प्रो.ज्ञानेश्वर चौबे ने बताया कि पहली लहर की जांच में करीब 40 से 50 फीसदी लोगों की इम्यूनिटी होने की रिपोर्ट आई थी। अलग-अलग जगहों पर कुल 74 सदस्यीय टीम शोध में लगी है। इसमें जिनका टीकाकरण हुआ है और जो कोरोना संक्रमित हुए, सभी का सैंपल लिया जाएगा।
इससे पहली और दूसरी लहर के अंतर की जानकारी मिलेगी। माना जा रहा है कि अगर 60 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए और 20 प्रतिशत ने टीकाकरण कराया है तो 80 प्रतिशत लोगों में हर्ड इम्यूनिटी मिलेगी। क्योंकि संक्रमण के साथ ही टीकाकरण से भी हर्ड इम्यूनिटी मिलती है। प्रो.ज्ञानेश्वर चौबे ने कहा कि सीरो सर्वे का काम शुरू हो गया है। इसमें वाराणसी के कुछ लोगों का सैंपल लिया गया है। आईएमएस बीएचयू सहित अन्य संस्थानों के लोगों को भी शामिल किया गया है। अन्य जिलों के लिए भी किट मंगाई जा रही है। 5000 लोगों की जांच की जाएगी।