वाराणसी। गंगा में बढ़ते प्रदूषण को दूर करने के लिए शासन और प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। अस्सी से राजघाट के बीच गंदगी को साफ करने के लिए दो स्कैमर मशीनों का प्रस्ताव प्रशासन ने शासन को भेजा है।
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने बताया कि गंगा में अस्सी से राजघाट के बीच पहले स्कैमर मशीन से सफाई होती थी। बाद में इसको हटा दिया गया था। अब दोबारा दो मशीनों की मांग शासन से की गई है। इसके अलावा गंगा में बढ़ रहे प्रदूषण और शैवाल की समस्या से निपटने के लिए बीएचयू के नदी विज्ञानियों से परामर्श लिया जाएगा। उनके निर्देशानुसार गंगा स्वच्छता की दिशा में कार्य होंगे। इन सभी कार्यों का खर्च नेशनल मिशन फार क्लीन गंगा के तहत होगा। बता दें कि पिछले दस दिनों से गंगा में शैवाल के कारण अस्सी से राजघाट के बीच पानी का रंग हरा हो गया था। इसको संज्ञान में लेते हुए जिला प्रशासन ने पांच सदस्यीय टीम का गठन किया था। टीम ने मिर्जापुर से वाराणसी तक बीच गंगा में पानी की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। रिपोर्ट में सीवेज, एसटीपी का संचालन, गंगा में प्रवाह और अविरलता बढ़ाने का सुझाव दिया गया था। इसके साथ ही विंध्याचल के एसटीपी से बहकर आने वाले शैवालों की लापरवाही पर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की भी अनुशंसा की गई थी।