गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्नातक या परास्नातक में अब तीन साल से ज्यादा का गैप होने पर भी नियमित छात्र माने जाएंगे। तीन वर्ष में ही योग्यता प्रदायी परीक्षा को पास करने की बाध्यता को खत्म कर दिया गया है। कुलपति प्रो राजेश सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को प्रवेश समिति की बैठक हुई, जिसमें विद्यार्थी हित में कई अहम फैसले लिए गए। पुराने नियम के मुताबिक तीन साल से अधिक गैप होने पर विद्यार्थियों को प्राइवेट विद्यार्थी के रूप में पढ़ाई पूरी करने का मौका दिया जाता था। नई शिक्षा नीति में भी इसे दूर किए जाने की बात कही गई है। इसके बाद विवि प्रशासन ने नियम में बदलाव को मंजूरी प्रदान की है।
एक अन्य अहम फैसले के तहत बीटेक और बीएससी कृषि में प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने के बाद खाली बची 20 फीसदी सीटों पर क्रमश: बीएससी गणित और बीएससी बॉयो के लिए आवेदन करने वाले विद्यार्थियों को प्रवेश का मौका दिया जाएगा। बैठक में सभी संकायों के संकायाध्यक्ष, डीएसडब्लू प्रो अजय सिंह, समन्वयक स्नातक प्रवेश परीक्षा प्रो विनय कुमार सिंह समन्वयक परास्नातक प्रवेश प्रो उदय सिंह और सचिव के रूप में कुल सचिव मौजूद रहे।