अयोध्या। प्रदेश में गंगा किनारे स्थित इलाकों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सौ करोड़ की लागत से गंगा सर्किट बनाया जाएगा। वहीं अयोध्या में 299 करोड़ की लागत से सरयू नदी किनारे 9 किलोमीटर तक घाटों के निर्माण के साथ पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित की जाएगी। केंद्रीय पर्यटन मंत्री की ओर से शुक्रवार को आयोजित पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में प्रदेश के पर्यटन विभाग की ओर से केंद्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के तहत प्रदेश के लिए नई पर्यटन विकास योजनाओं का प्रस्तुतीकरण किया गया। पर्यटन भवन के सभागार में प्रदेश के पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी की मौजूदगी में आयोजित बैठक में केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल ने केंद्र सरकार की पर्यटन विकास योजनाओं के तहत संचालित परियोजनाओं का कार्य नवंबर 2021 तक पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि परियोजनाएं निर्धारित मानक और गुणवत्ता के अनुसार पूरी होनी चाहिए।
पटेल ने शुक्रवार को प्रदेश के पर्यटन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नीलकंठ तिवारी की मौजूदगी में केंद्र की पर्यटन विकास योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की ओर से प्रस्तावित नई पर्यटन योजनाओं से पर्यटन का विकास होगा, देशी-विदेशी पर्यटकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी और लाखों लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। बैठक में पर्यटन विभाग की ओर से स्वदेश दर्शन स्कीम के आध्यात्मिक सर्किट में गंगा सर्किट स्थापित करने की योजना प्रस्तुत की गई। गंगा नदी के तट पर पड़ने वाले सभी महत्वपूर्ण एवं पवित्र स्थलों को शामिल करते हुए 100 करोड़ की लागत से गंगा सर्किट के रूप में एक नए पर्यटन परिपथ का विकास किया करना प्रस्तावित है। गंगा सर्किट के विकास से प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों का सुनियोजित ढंग से विकास हो सकेगा। साथ ही इस क्षेत्र में जल मार्ग के माध्यम से नौका विहार, वाटर स्पोर्ट्स एवं वाटर ट्रान्सपोर्टेशन का भी लाभ प्राप्त होगा। स्वदेश दर्शन योजना के तहत अयोध्या में सरयू नदी के किनारे 9 किलोमीटर तक घाटों का निर्माण, श्रद्धालुओं के लिए मूलभूत सुविधाओं का विकास प्रस्तावित है। साथ ही अयोध्या के अंदर और मंदिर मार्ग तक के निर्माण कार्र्यों का निर्माण, चौड़ीकरण और सौंदर्यीकरण प्रस्तावित है। 298.84 करोड़ की इस परियोजना से अयोध्या में आने वाले तीर्थ यात्रियों की यात्रा सुगम होगी। स्वदेश दर्शन स्कीम में बुद्धिस्ट सर्किट के तहत कौशाम्बी एवं संकिसा का पर्यटन विकास, आध्यात्मिक सर्किट में गंगा सर्किट, नैमिषारण्य, मिश्रिख का पर्यटन विकास, हेरिटेज सर्किट में क्रांति पथ सन् 1857, हस्तिनापुर, द्रौपदेश्वर, पाण्डेश्वर महादेव, द्रौपदी घाट, ईको-टूरिज्म सर्किट के तहत मिर्जापुर चुनार, सीतामढ़ी, सोनभद्र और बुन्दलेखंड सर्किट का पर्यटन विकास कराया जाना प्रस्तावित है। इन कार्यों पर करीब 498 करोड़ रुपये की लागत आएगी। पटेल ने प्रदेश की ओर से प्रस्तुत होने वाले प्रस्तावों को प्राथमिकता से स्वीकृत करने का आश्वासन दिया। उन्होंने भारतीय पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को श्रावस्ती स्थित संरक्षित धरोहरों से संबंधित रिपोर्ट सात दिन में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम, विशेष सचिव शिवपाल सिंह, संयुक्त निदेशक अविनाश चंद्र मिश्र सहित अन्य अधिकारी मौजदू थे।