वाराणसी। बीएचयू अस्पताल की इमरजेंसी में बच्चों के इलाज में लापरवाही पर अंकुश लगाने की दिशा में अस्पताल प्रशासन नई रणनीति बना रहा है। इसमें जहां अस्पताल के एनआईसीयू में बेड खाली होने पर सीनियर प्रोफेसरों को तत्काल जानकारी देने को कहा गया है, वहीं इमरजेंसी में नीचे भी बाल रोग विभाग की ओर से एक रेजिडेंट की तैनाती किया जाएगा। बीएचयू अस्पताल के बाल रोग विभाग में जिस तरह से पिछले एक सप्ताह में लापरवाही की दो बड़ी घटनाएं सामने आईं, इससे सबक लेते हुए अस्पताल प्रशासन ने पहले से चली आ रही व्यवस्था में बदलाव करने का फैसला लिया है। अस्पताल के एमएस प्रो. केके गुप्ता ने बताया कि इमरजेंसी में बाल रोग विभाग के लिए अलग से प्रथम तल पर एक वार्ड है, लेकिन जब भी बाहर से कोई मरीज आता है तो पहले इमरजेंसी में नीचे जाता है। यहां आने वाले बच्चों को तुरंत भर्ती किया जा सके और इलाज में देरी न हो इसके लिए इमरजेंसी में नीचे विभाग के एक रेजिडेंट की तैनाती करने की योजना है।