लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय पिछले डेढ़ वर्ष से अपने विभिन्न पाठ्यक्रम में छात्र-हित को ध्यान में रखते हुए एवं नई शिक्षा नीति के दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए परिवर्तन ला रहा है। विश्वविद्यालय ने देश का सबसे पहला और सबसे वृहद चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम भी लागू किया है जिसके तहत छात्र अंतः विभागीय एवं अंतर विभागीय विषयों को लेकर ग्लोबल एजुकेशन की तरफ कदम बढ़ा सकें। इसी संदर्भ में 2021 और 2022 के शिक्षण-सत्र में लखनऊ विश्वविद्यालय अपने एक अति महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम में बदलाव लाने जा रहा है। कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के निर्देशानुसार शिक्षा शास्त्र विभाग में चल रहे चार वर्षीय बीएलएड में सेमेस्टर प्रणाली लागू होगी और इसमे आठ सेमेस्टर होंगे। यह देश भर से आए हुए उन छात्रों के लिए एक बेहद ही महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम है जो एलिमेंट्री एजुकेशन यानि कक्षा आठ तक की शिक्षा में अपना योगदान शिक्षक के रूप में देना चाहते हैं। शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अध्यापक प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि नई शिक्षा नीति के दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए और प्रदेश के एलिमेंट्री एजुकेशन में नए शिक्षकों को आधुनिकतम तकनीक और शिक्षा के कौशल में विकास के लिए पाठ्यक्रम में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव लाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष की जगह समेस्टर में विभाजित होने से पाठ्यक्रम में पढ़ रहे छात्र नए स्किल्स पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे, उन्हें इंटर्नशिप आदि के जरिए असल जिंदगी में इस्तेमाल कर पाएंगे एवं अपने आप को एक वैश्विक पाठ्यक्रम में पढ़कर न केवल प्रदेश के एलिमेंट्री विद्यालयों के लिए बल्कि देशभर के लिए अपने आपको तैयार कर पाएंगे। विश्वविद्यालय की सीबीसीएस पाठ्यक्रम के अनुसार भी नए बी एल एड के पाठ्यक्रम में अंतः विभागीय, अंतर विभागीय, कोर और वैल्यू ऐडेड कोर्स भी शामिल होंगे जिससे बी एल एड के छात्रों को एक वैश्विक पटल के लिए तैयार किया जा सकेगा।