अमेठी। ब्लैक फंगस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बच्चों के उपचार के लिए जिला अस्पताल में सोमवार से ओपीडी शुरू कराई गई है। पहले दिन इलाज के लिए पहुंचे दो बच्चों में ब्लैक फंगस के लक्षण नहीं पाए गए।
ब्लैक फंगस के लगातार मिल रहे मरीजों को देखते हुए इसके संक्रमण पर अंकुश लगाने की कवायद जिले में भी शुरू की गई है। शासन के आदेश पर सीएमओ डॉ. आशुतोष दुबे ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सुबह दस से 12 बजे तक ओपीडी शुरू कराई है।
नेत्र सहायक सज्जन कुमार ने बताया कि गौरीगंज के बरनाटीकर निवासी रमेश चौरसिया अपनी तीन वर्षीय पुत्री आराध्या तथा पांच वर्षीय पुत्र शिव को लेकर अस्पताल पहुंचे थे। उनकी पुत्री की आंखें लाल होने के साथ पानी आ रहा था। पुत्र की आंख से भी पानी आ रहा था। कहा कि दोनों में ब्लैक फंगस का कोई लक्षण नहीं था। कीड़ा व मच्छर के काटने से आंख लाल होने के साथ पानी आ रहा था। दोनों का उपचार किया गया। जिला अस्पताल में सोमवार से पोस्ट कोविड (पॉजिटिव के बाद निगेटिव होने वाले मरीजों के इलाज के लिए) ओपीडी भी शुरू कराई गई। इसके लिए फिजीशियन डॉ. नीरज वर्मा, चिकित्साधिकारी डॉ. पीतांबर कनौजिया, मनोरोग चिकित्सक डॉ. वीबी सिंह तथा फिजियोथेरेपिस्ट राम सिंह रघुवंशी को नामित किया गया है। डॉ. पीतांबर ने बताया कि पॉजिटिव हुए लोगों के निगेटिव होने के बाद की परेशानी का उपचार किया जा रहा है। सोमवार को एक भी ऐसा मरीज इलाज के लिए नहीं आया।