भगवान गणेश का स्मरण करके ही आरंभ करना चाहिए शुभ कार्य: दिव्य मोरारी बापू

राजस्थान/पुष्कर। परम पूज्य संत श्री दिव्य मोरारी बापू ने कहा कि श्री गणेश महापुराण में कथा है। एक विघनासुर नाम का दानव हुआ, बड़ा बलवान था, उससे सभी देवता हार गये। उसका भगवान गणेश जी के साथ युद्ध हुआ। पराजित होकर भगवान गणेश के चरणों स्थित हुआ, तो भगवान उसको अपने पास ही रख लिए। उसने कहा कि मेरा काम है विघ्न डालने का, मेरा नाम ही विघ्नासुर है। देवताओं ने कहा कि जो गणेश पूजा किए बिना कार्य आरम्भ करे, उसमें तुम विघ्न उपस्थित करते रहना। तुम्हारा अपना काम पूरा होता रहेगा और जो श्री गणेश भगवान का स्मरण करके कार्य आरम्भ करे। उनके कार्य में कभी विघ्न नहीं डालना, उसने वचन दिया है। इसलिए हम कोई भी कार्य करें तो भगवान गणेश का स्मरण अवश्य करें।

शास्त्र का वचन है-“श्रेयांसि बहु विघ्नानि शुभ कार्य में बहुत विघ्न आते हैं। आप साधना करने चले हैं, ईश्वर प्राप्ति के लिए चले हैं, विघ्न आयेंगे, बहुत आयेंगे, इसलिए लिखा है पहले गणेश जी का पूजन कर लेना चाहिए। ब्रह्माजी ने जब सृष्टि प्रारम्भ की तो बड़े विघ्न आये। गणेश पूजन के बाद फिर सृष्टि निर्माण में विघ्न नहीं आया। भगवान विष्णु को पालन में अनेक दैत्यों का सामना करना पड़ा, तब फिर भगवान विष्णु ने भी गणेश जी का पूजन करके निर्विघ्नता प्राप्त किया। भगवान शंकर भी त्रिपुरासुरा के उद्धार के समय, पहले गणेश पूजन फिर देवताओं की विजय हुई। जब समुद्र मंथन हो रहा था, भगवान शंकर को छोड़कर समग्र देवता वहां थे। उन लोगों ने गणेश पूजन नहीं किया, उसका परिणाम यह हुआ कि मंदराचल पर्वत, जिससे मंथन होना था, वह नीचे चला गया। और जब वह नीचे चला गया तो भगवान विष्णु भी वहां थे, ब्रह्मा, वरुण,इन्द्र सभी देवता वहां थे। विलोक्य विघ्नेश विधिं तदेश्वरो वहां शब्द आता है कि गणेश पूजा हम नहीं कर पाये इसलिए विघ्न उपस्थित हुआ। सबने गणेश जी का पूजन किया फिर समुद्र मंथन हो पाया। अतः हर कार्य में गणपति पूजा आवश्यक है। छोटीकाशी बूंदी की पावन भूमि, श्री सुदामा सेवा संस्थान (वृद्धाश्रम) का पावन स्थल, महाराज श्री-श्री घनश्याम दास जी महाराज के पावन सानिध्य में चातुर्मास के अवसर पर सत्संग प्रवाह- श्रीगणेश महापुराण के द्वितीय दिवस अनेक देवताओं के सामने विघ्न आने पर गणेश जी का स्मरण किया। इस कथा का वर्णन किया गया। कल की कथा में गणेश जी का स्वरूप, उनके पूजन की विधि का वर्णन किया जायेगा।

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