लखनऊ। शासन द्वारा मंगलवार को यूजी-पीजी के सेमेस्टर प्रणाली के पहले व दूसरे वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करने के निर्णय से राजधानी के लगभग डेढ़ लाख विद्यार्थी लाभान्वित होंगे। वहीं फाइनल ईयर की परीक्षा को लेकर ऊहापोह भी समाप्त होगा और जुलाई-अगस्त में इनकी परीक्षाएं आयोजित की जा सकेंगी। कोविड संक्रमण के कारण पूर्व में सीबीएसई व यूपी बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित की जा चुकी हैं। वहीं स्नातक स्तर पर परीक्षाओं का आयोजन होगा या नहीं इसके लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी दे दी थी। इसी क्रम में यूजी-पीजी परीक्षाओं को लेकर शासन द्वारा मंगलवार को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए। राजधानी में अधिकतर विवि में सेमेस्टर सिस्टम लागू है, जिसके अनुसार यहां सिर्फ फाइनल सेमेस्टर की परीक्षा प्रस्तावित की गई है। ऐसे में लखनऊ विश्वविद्यालय व सहयुक्त महाविद्यालयों के पहले व दूसरे वर्ष के लगभग 1.10 लाख, एकेटीयू के पहले, दूसरे व तीसरे वर्ष के राजधानी में 20 हजार (प्रदेश में 2.25 लाख), डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय व अन्य प्राइवेट विश्वविद्यालय के लगभग 20-25 हजार विद्यार्थियों को प्रमोशन का लाभ मिलेगा। लविवि कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि शासन द्वारा प्राप्त निर्देशों का अवलोकन करके जल्द परीक्षा समिति की बैठक में आगे का निर्णय लिया जाएगा।