लखनऊ। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही भाजपा ने अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को सरकार से लेकर संगठन तक विभिन्न पदों पर समायोजित कर संतुष्ट करने की तैयारी है। कार्यकर्ताओं को राज्य अल्पसंख्यक आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग सहित अन्य आयोगों, निगमों, बोर्डों और समितियों में नियुक्त किया जा सकता है। वहीं संगठन में भी अग्रिम मोर्चों, प्रकोष्ठों और प्रकल्प में मंडल स्तर तक नियुक्तियां की जाएंगी। माना जा रहा है कि सब कुछ सही तरीके से चला तो चुनावी तैयारी के पहले चरण में जुलाई तक संगठन और सरकार में विभिन्न पदों पर करीब एक लाख से अधिक कार्यकर्ताओं को समायोजित करने की तैयारी है। प्रमुख आयोगों में अध्यक्ष पदों पर नियुक्ति के लिए दावेदारों के नाम पर सरकार और संगठन के प्रमुख लोगों के बीच मंथन हो चुका है। चुनाव के मद्देनजर जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का संदेश देने के लिए अपने जाति-समाज में प्रभाव रखने वाले लोगों की इन पदों पर नियुक्तियां दी जाएंगी। इसी प्रकार विभिन्न निगमों, बोर्डों, समितियों, निकायों में भी स्थानीय जातीय समीकरण के हिसाब से नियुक्तियां होंगी। संगठन में भी महिला मोर्चा, युवा मोर्चा, किसान मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, एससी मोर्चा, एसटी मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा जैसे प्रमुख मोर्चों, मीडिया विभाग, मीडिया संपर्क विभाग सहित अन्य विभागों व प्रकोष्ठ में प्रदेश, क्षेत्रीय, जिला और मंडल स्तर तक नई टीमों का गठन किया जाएगा। हाल ही में पार्टी का पद छोड़कर पंचायत चुनाव लड़ने वाले पदाधिकारियों की जगह भी नए कार्यकर्ताओं की नियुक्तियां की जाएंगी। प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के अनुसार सरकार और संगठन में सभी रिक्त पदों पर नियुक्तियों के बाद करीब एक लाख से अधिक कार्यकर्ताओं का समायोजन हो जाएगा।