लखनऊ। कोरोना संक्रमण काल में भी लखनऊ विश्वविद्यालय में स्नातक व परास्नातक कक्षाओं में प्रवेश के लिए रिकार्ड 73 हजार आवेदन आए हैं। यह पिछले सत्र 2020-21 की अपेक्षा 14 फीसदी अधिक हैं। स्नातक में जहां 48 हजार वहीं परास्नातक कक्षाओं में प्रवेश के लिए 24 हजार से अधिक आवेदन आए हैं। ऐसे में यहां यूजी-पीजी की 9000 सीटों पर प्रवेश के लिए इस साल कड़ा मुकाबला होगा। आवेदन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद अब विश्वविद्यालय प्रशासन 23 से 29 अगस्त के बीच प्रस्तावित प्रवेश परीक्षाओं की तैयारियों में जुट गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस साल कोरोना संक्रमण की शुरुआत के साथ ही मार्च में ऑनलाइन प्रवेश आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी। इसके बाद लॉकडाउन भी हुआ था, लेकिन बोर्ड परीक्षा परिणाम न आने के कारण विश्वविद्यालय प्रशासन ने कई बार अपनी प्रवेश आवेदन तिथि बढ़ाई। जो शनिवार 07 अगस्त को समाप्त हो गई। विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार सत्र 2020-21 में भी कोरोना संक्रमण के बीच 63,944 विद्यार्थियों ने यूजी-पीजी प्रवेश के लिए आवेदन किए थे। जो इस सत्र 2021-22 में बढ़कर 73,084 हुए। आवेदन में लगभग 14.3 फीसदी की वृद्धि हुई है। सत्र 2020-21 में स्नातक कोर्सों के लिए कुल 44,252 आवेदन हुए थे और पीजी कोर्सों में कुल 19,367 आवेदन हुए थे। जो बढ़कर स्नातक में 48,022 और स्नातकोत्तर कोर्सों में 24,397 आवेदन हुए हैं। डिप्लोमा व सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों के आवेदन में भी पिछले साल की अपेक्षा वृद्धि हुई है। पिछले साल के 325 आवेदन के मुकाबले इस बार 665 आवेदन प्राप्त हुए हैं। जबकि डिप्लोमा पाठ्यक्रम में आवेदन अभी चल रहे हैं।
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने कहा कि विश्वविद्यालय ने पिछले साल ही पीजी में नई शिक्षा नीति को लागू कर लिया है। वहीं स्नातक में इसके अनुरूप नया पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। यह एक बड़ा कारण है कि विद्यार्थी लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए इच्छुक हैं। आज विद्यार्थी मल्टीपल एंट्री-एग्जिट प्वाइंट्, एकेडमिक क्रेडिट बैंक और इंटर डिसीप्लेनरी एजुकेशन को महत्व दे रहे हैं। हमने इनको अपने पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया है। जिसके फलस्वरूप आज प्रदेश भर से छात्र लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ने आना चाहते हैं। विश्वविद्यालय ने शोध व महिला छात्र सुरक्षा एवं समाज के प्रति अपने दायित्वों को भी बढ़ाया है। इसका भी लाभ हमें मिला है।