वाराणसी। मध्यप्रदेश और राजस्थान में बरसात में कमी आने के बाद से गंगा के जलस्तर में भी कमी आनी शुरू हो गई है। बनारस में भोर से ही गंगा के जलस्तर में गिरावट हो रही है। हालांकि बाढ़ में कमी आने की वजह से अब पीछे छोड़े गए मलबे और कीचड़ से बीमारियों के सिर उठाने के खतरे भी बढ़ेंगे। शुक्रवार की रात नौ बजे गंगा का जलस्तर 72.08 मीटर तक पहुंच गया। 12 घंटे में गंगा के जलस्तर में 24 सेंटीमीटर का घटाव दर्ज किया गया है। बनारस में गंगा अभी खतरे के निशान से 82 सेमी ऊ पर बह रही हैं। सुबह आठ बजे तक गंगा के जलस्तर में एक सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से घटाव हो रहा था। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सुबह 10 बजे गंगा का जलस्तर 72.23 मीटर था। फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 85.47 मीटर, प्रयागराज में 84.55 मीटर व मिर्जापुर में 78.04 मीटर था। वहीं, बृहस्पतिवार की रात आठ बजे वाराणसी में गंगा का जल स्तर 72.32 मीटर था जो रात 12 बजे तक स्थिर बना रहा। इसके बाद घटाव शुरू हुआ। गंगा के ऊपरी हिस्से यानी फाफामऊ, प्रयागराज व मीरजापुर में घटाव बृहस्पतिवार से ही शुरू हो गया था। फाफामऊ में दो सेमी से जल स्तर में घटाव हो रहा था तो प्रयागराज में तीन सेमी घटाव था। गंगा का लगातार घटते जलस्तर घटने के बाद कॉलोनियों सड़कों और घरों में जमा गाद और शिल्ट की सफाई करने को लेकर लोग परेशान होने लगे। बारिश का पानी कॉलोनियों में खाली प्लाट में भरने के कारण बदबू से लोग परेशान होने लगें। स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहरी और ग्रामीण इलाकों में केंद्र बनाने के साथ ही अब बाढ़ राहत शिविरों में भी टीकाकरण किया जा रहा है। सीएमओ डॉक्टर वीबी सिंह ने बताया कि जेपी मेहता इंटर कॉलेज, सरैयां सहित जिन जगहों पर शिविर लगाया गया है वहां जरूरत के अनुसार पहले और दूसरे डोज का टीका लगाया जा रहा है। जिले में शनिवार को शहरी और ग्रामीण इलाकों में बने 42 केंद्रों पर केवल कोरोना टीके की दूसरी डोज लगाई जाएगी। गंगा और वरुणा की बाढ़ के चपेट में आए इलाकों में यातायात जाम से लोग परेशान हैं। सामनेघाट-लंका मार्ग पर जलजमाव के कारण यातायात रोक दिया गया तो वहीं लंका से डाफी हाईवे मार्ग पर वाहनों का दबाव बढ़ने से रोजाना जाम लग रहा है। वहीं कोनिया, राजघाट से पड़ाव के बीच भी जाम से लोग बेहाल हैं। बीएचयू और लंका स्थित निजी चिकित्सालयाें में इलाज को आने वाले अधिकतर वाहन पहले सामनेघाट पुल से होकर गुजरते थे, लेकिन बाढ़ के चलते सामनेघाट-नगवा चुंगी मार्ग को बंद कर दिया गया। एडीसीपी ट्रैफिक डीके पुरी ने बताया कि बाढ़ के चलते कई इलाकों में वाहनों का दबाव बढ़ने से दिक्कतें हो रही हैं। जाम लगने की सूचनाओं पर तुरंत फैंटम दस्ते को मौके पर भेजा जा रहा है। लोगों से अपील है कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में वाहन लेकर न जाएं। बाढ़ का पानी उतने के साथ बाढ़ शिविरों में खुजली के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। भदैनी के गोयनका संस्कृत महाविद्यालय शिविर के डॉ. रमेश सिंह ने बताया कि शिविर में 15 मरीज हैं, जिनको खुजली की समस्या है। पहले 20 ग्राम का मलहम था जिससे लोगों का इलाज चल रहा था। अब वो भी समाप्त हो गया। अब मरीजों को टैबलेट दी जा रही है।