लखनऊ। अधिकारियों की लापरवाही व अदूरदर्शिता ने एयरपोर्ट लिंक फ्लाईओवर जैसे प्रोजेक्ट को फंसा दिया है। जमीन न मिलने से 73 प्रतिशत निर्माण पूरा होने के बाद अब डिजाइन में बदलाव सेतु निगम को करना होगा। अपर मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी के निर्देश पर अब अधिकारी इसकी संभावना तलाशेंगे कि कैसे एलडीए की जमीन का न्यूनतम उपयोग कर फ्लाईओवर का निर्माण पूरा किया जाए। वहीं अब यह भी तय हो गया है कि 135 करोड़ के एयरपोर्ट लिंक प्रोजेक्ट के डिजाइन को कैसे बदला जाएगा। प्रोजेक्ट पूरा करने में अतिरिक्त समय भी लगेगा। इससे यह भी साफ हो गया है कि प्रोजेक्ट का डिजाइन खामियों के साथ फाइनल कर काम शुरू किया गया। बृहस्पतिवार को खुद अपर मुख्य सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने एयरपोर्ट लिंक प्रोजेक्ट पर बैठक की। उनका कहना है कि एलडीए को जमीनों के बदले मुआवजा देने के लिए पूर्व में व्यय वित्त समिति ने मना कर दिया था। व्यय वित्त समिति का कहना है कि एलडीए या अन्य संस्थाओं को जमीन लिए जाने पर मुआवजा नहीं दिया जाता है। एलडीए की तरफ से आवंटियों के लिए मुआवजे की मांग के बाद अब सेतु निगम को कहा गया है कि डिजाइन में बदलाव कर एलडीए के भूखंडों के न्यूनतम प्रभावित किए बिना निर्माण की संभावना को देख लिया जाए। इसके बाद जितने भी मुआवजे की जरूरत होगी, उसे एक बार फिर से व्यय वित्त समिति को भेजकर मांग कर ली जाएगी। इसके लिए कितने बजट की जरूरत होगी? यह भी आकलन कराए जाने के लिए कहा गया है।