अयोध्या। राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन खरीदने में श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के ऊपर लगे घोटाले के आरोप पर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया में प्रेस नोट जारी कर अपना पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि जो राजनीतिक लोग इस मामले में प्रचार कर रहे हैं, वह भ्रामक है और राजनीति से प्रेरित है। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि बताया है कि श्रीराम मंदिर का परकोटा और रिटेनिंग वॉल को वास्तु के अनुसार दुरुस्त करने के लिए, मंदिर के पूर्व और पश्चिम में आवागमन को दुरुस्त बनाने के लिए आसपास के मकान और जमीनों को खरीदा जा रहा है। जिन से खरीदा जा रहा है उन्हें पुनर्वास के लिए कहीं अन्यत्र जमीन भी दी जाएगी जिसके लिए जमीनों की खरीदारी ट्रस्ट कर रहा है। क्रय और विक्रय का कार्य आपसी सहमति और संवाद के आधार पर हो रहा है। सहमति के बाद सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी किए जाते हैं। सभी प्रकार की कोर्ट फीस व स्टांप पेपर की खरीदारी ऑनलाइन की जाती है। 9 नवंबर को श्रीरामजन्म भूमि के पक्ष में फैसला आने के बाद एकाएक बड़ी संख्या में लोग अयोध्या जमीनों की खरीदारी करने के लिए आने लगे। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या के विकास के लिए बड़ी मात्रा में जमीन खरीद रही है। इसके चलते अयोध्या में जमीनों के दाम अचानक बढ़ गए। जिस भूखंड को लेकर भ्रामक चर्चा चलाई जा रही है। वह रेलवे स्टेशन के पास स्थित है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने अब तक जितनी भूमि क्रय की है वह खुले बाजार मूल्य से बहुत ही कम पर खरीदी है। उक्त भूमि को खरीदने के लिए वर्तमान विक्रेता गणों ने वर्षों पूर्व जिस मूल्य पर रजिस्टर्ड अनुबंध किया था। उस भूमि को उन्होंने 18 मार्च 2021 को बैनामा कराया। उसके बाद ट्रस्ट के साथ अनुबंध किया। जो कुछ राजनीतिक लोग इस संबंध में प्रचार कर रहे हैं, वह भ्रामक है, समाज को गुमराह करने के लिए है। संबंधित व्यक्ति राजनीतिक विद्वेष से प्रेरित है।