लखनऊ। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के ग्राम पंचायतों में निर्मित सामुदायिक प्रसाधन भवनों का स्थलीय सत्यापन होगा। डीपीआरओ ने सभी एडीओ पंचायत को पत्र भेजकर निर्धारित प्रारूप पर सत्यापन रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। रिपोर्ट व डीपीआरओ के निरीक्षण में भिन्नता मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से स्वच्छ भारत मिशन के तहत घर-घर प्रसाधन मुहैया कराने के बाद प्रत्येक ग्राम पंचायतों में उपलब्ध भूमि के तहत तीन श्रेणी के (टू-सीटर, फोर-सीटर व सिक्स-सीटर सामुदायिक प्रसाधन भवन निर्माण कराने का निर्णय लिया गया था। शासन के निर्देश पर पंचायतों में भूमि चिह्नित कर निर्माण शुरू कराया गया था। डीपीआरओ श्रेया मिश्रा ने बताया कि दो सीट वाले भवन पर 3.25 लाख, चार सीट वाले पर 5.71 लाख तो छह सीट वाले भवन 7.41 लाख रुपये की लागत से बनने हैं। कहा कि अब तक 658 भवनों का निर्माण पूरा हो गया है। 11 प्रसाधन निर्माणाधीन हैं तो नौ पंचायतों में भूमि चिह्नित नहीं हो पाने से निर्माण शुरू ही नहीं कराया जा सका है। इसी तरह से चार पंचायतों में निर्माण शुरू होने के बाद विवाद होने तथा न्यायालय से स्थगन आदेश पारित होने के चलते निर्माण कार्य बंद हो गया है। उन्होंने कहा कि निर्मित प्रसाधन भवनों की मानक के अनुसार निर्माण होने, भवन में विद्युत तथा पानी की समुचित व्यवस्था तथा टाइलीकरण समेत निर्धारित प्रारूप भेजकर बिंदुवार रिपोर्ट मांगी गई है। स्थलीय सत्यापन के लिए सभी एडीओ पंचायतों को जिम्मेदारी दी गई है। बताया कि रिपोर्ट मिलने के बाद उनकी ओर से भी स्थलीय सत्यापन किया जाएगा। इस दौरान एडीओ पंचायत की ओर से प्रेषित रिपोर्ट में भिन्नता मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।