स्तनपान से बच्चों को मिलती है बीमारियों से लड़ने की ताकत

गाजीपुर। कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर का सबसे ज्यादा असर बच्चों पर पड़ने की चर्चा के बीच यह भी जानना जरूरी है कि जो माताएं बच्चे को सही समय पर और सही तरीके से भरपूर स्तनपान कराती हैं, उन्हें बच्चे को लेकर बहुत चिंता करने की जरूरत नहीं होती है। मां के दूध की अहमियत सर्वविदित है, यह बच्चे को रोगों से लड़ने की ताकत प्रदान करने के साथ ही उसे आयुष्मान भी बनाता है। इन्हीं सब को देखते हुए 1 अगस्त 7 अगस्त विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। जिसको लेकर सोमवार को जिला महिला अस्पताल में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरगोविंद सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी हरगोविंद सिंह ने बताया कि शिशु के लिए स्तनपान अमृत के समान होता है। यह शिशु का मौलिक अधिकार भी है। माँ का दूध शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए बहुत ही जरूरी है। यह शिशु को निमोनिया, डायरिया और कुपोषण के जोखिम से भी बचाता है। इसलिए बच्चे को जन्म के एक घंटे के भीतर मां का पहला पीला गाढा दूध अवश्य पिलाना चाहिए। यह दूध बच्चे में रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता है, इसीलिए इसे बच्चे का पहला टीका भी कहा जाता है।

स्तनपान करने वाले शिशु को ऊपर से कोई भी पेय पदार्थ या आहार नहीं देना चाहिए, क्योंकि इससे संक्रमण का खतरा रहता है। मां के दूध में शिशु के लिए पौष्टिक तत्वों के साथ पर्याप्त पानी भी होता है। इसलिए छह माह तक शिशु को माँ के दूध के अलावा कुछ भी न दें। यहाँ तक कि गर्मियों में पानी भी न पिलायें। ध्यान रहे कि रात में माँ का दूध अधिक बनता है, इसलिए मां रात में अधिक से अधिक स्तनपान कराये। दूध का बहाव अधिक रखने के लिए जरूरी है कि माँ चिंता और तनाव से मुक्त रहे। कामकाजी महिलाएं अपने स्तन से दूध निकालकर रखें। यह सामान्य तापमान पर आठ घंटे तक पीने योग्य रहता है। इसे शिशु को कटोरी या कप से पिलायें। स्तनपान शिशु को बीमारियों से बचाता है, इसीलिए यदि मां या शिशु बीमार हों तब भी स्तनपान कराएँ। बाल रोग विशेषज्ञ एवम एसीएमओ डॉ. उमेश कुमार ने बताया कि कोविड उपचाराधीन और संभावित माँ को भी सारे प्रोटोकाल का पालन करते हुए स्तनपान कराना जरूरी है। वह स्तनपान से पहले हाथों को अच्छी तरह से साफ़ कर लें और नाक व मुंह को मास्क से अच्छी तरह से ढककर ही दूध पिलायें। बच्चे को ऐसे में स्तनपान से वंचित करने से उसका पूरा जीवन चक्र प्रभावित हो सकता है। इस कार्यक्रम में महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ तारकेश्वर, डीपीएम प्रभुनाथ, डॉ के के सिंह ,अशोक कुमार अर्बन हेल्थ कोऑर्डिनेटर, डॉ सरजीत, डॉ गुलाब शंकर ,डॉ मनोज सोनकर, दीपक पांडे, विरेंद्र सिंह, उमेश रावत लेखा सहायक अमित राय के साथ ही आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्री मौजूद रहे।

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