अमेठी। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए विकास विभाग रोजगार के नए-नए अवसर मुहैया कराने की कवायद में जुटा है। सीडीओ के निर्देश पर समूह की महिलाओं को मनरेगा कार्यों की देखरेख के लिए ग्राम पंचायतवार मेट की जिम्मेदारी दी जा रही है। इसके लिए चयनित महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। शासन के निर्देश पर इन दिनों सीडीओ डॉ. अंकुर लाठर स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को सशक्त/आत्म निर्भर बनाने के लिए नए-नए प्रयोग कर रही हैं। कई समूहों को एनआरएलएम से विभिन्न प्रकार का रोजगार मुहैया करा रही हैं। कुछ समूह जहां मशरूम की खेती कर रहे हैं तो कई अन्य प्रकार का व्यवसाय शुरू कर चुके हैं। सीडीओ ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत कराए जा रहे कार्यों की देखरेख में लगने वाले मेट की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को देने की कवायद में जुटी हैं। सीडीओ ने बताया कि जिले के सक्रिय ऐसे समूह जो पुराने हैं, उन्हें सूचीबद्ध किया गया है। उन समूहों में से शिक्षित 207 महिलाओं का चयन मेट के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी ब्लॉक मुख्यालयों पर उनका प्रशिक्षण कार्यक्रम भी संचालित कराया जा रहा है। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को मनरेगा के बारे में विस्तृत जानकारी, उनके प्रमुख कार्य एवं जिम्मेदारी, कार्य स्थल पर ध्यान रखने वाली प्रमुख बातें, मनरेगा से संबंधित तकनीकी जानकारियों से अवगत कराया जा रहा है। चयनित महिलाओं को जॉबकार्ड के बारे में विस्तृत जानकारी, संबंधित ऐप की सहित अन्य बिंदु पर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के बाद उन्हें संबंधित गांवों में मेट की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।