वाराणसी। खगोलीय दृष्टि से 2021 बेहद महत्वपूर्ण है। चंद्रग्रहण के बाद वर्ष का पहला सूर्यग्रहण 10 जून को लगेगा। सूर्यग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, इसलिए सूतक और ग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं होगा। काशी विद्वत परिषद के संगठन मंत्री ज्योतिषाचार्य पं. दीपक मालवीय ने बताया कि 10 जून को ही शनि जन्मोत्सव, वट सावित्री व्रत और अमावस्या पड़ रही है। भारत में ग्रहण का प्रभाव नहीं होने के कारण व्रत त्योहार मनाने पर कोई रोक नहीं रहेगी। 15 दिनों के अंदर ग्रहण की दो घटनाएं प्राकृतिक उथल-पुथल की वजह बन रही हैं। ज्योतिष में 15 दिनों के अंदर दो ग्रहण लगना अशुभ माना जाता है। इसकी वजह से प्राकृतिक आपदाएं बढ़ सकती हैं। 15 दिनों के अंदर लगने वाले इस ग्रहण का असर दुनिया भर में नजर आएगा। 26 मई के चंद्रग्रहण के बाद इतनी कम अवधि में सूर्यग्रहण को अनिष्टकारी माना जाता है। दुनियाभर में भूस्खलन और भूकंप की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो जाएगी। वृष राशि में स्थित राहु की दृष्टि मकर राशि पर होने से प्राकृतिक आपदाओं से अचानक किसी नए रूप में महामारी आने का डर बना रहेगा।