लखनऊ। प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए नई रणनीति अपनाई जा रही है। इसके तहत 50 जिलों में कोरोना वॉलिंटियर्स तैयार किए जाएंगे। यह वॉलिंटियर्स गांव के लोगों को स्वच्छता, वायरस से बचाव, संसाधन के प्रयोग आदि के बारे में प्रशिक्षित करेंगे। इन्हें तैयार करने की जिम्मेदारी गिरी इंस्टिट्यूट को दी गई है। इसमें स्वास्थ्य विभाग सहयोगी की भूमिका में होगा। प्रदेश में अब तक करीब 16 लाख से अधिक लोग वायरस की चपेट में आ चुके हैं। दूसरी लहर का असर खत्म हो रहा है लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों ने तीसरी लहर की संभावना जता दी है। कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस का असर लंबे समय तक किसी न किसी रूप में रह सकता है। ऐसी स्थिति में बचाव को लेकर हर व्यक्ति को प्रशिक्षित करना होगा। गिरी विकास अध्ययन संस्थान ने विभिन्न संगठनों के साथ गांव में ग्राम प्रधान, स्वयंसेवी संगठन, सेवानिवृत्त अध्यापकों एवं कर्मचारियों, मंगल दल संगठनों से जुड़े लोगों को वॉलिंटियर्स के रूप में तैयार करेगी। संस्थान के पब्लिक हेल्थ रिसर्च सेल के कोऑर्डिनेटर डॉ. सीएस वर्मा ने बताया कि यह वॉलिंटियर विभिन्न बीमारियों के बारे में लोगों को जागरूक करके बचाव के तरीके बताएंगे। स्वास्थ्य विभाग की टीम से समन्वय स्थापित कर गांव में चिकित्सा शिविर आयोजित करके टीकाकरण अभियान के बारे में भी लोगों को जागरूक करेंगे। पहले चरण में 10 जिलों से अभियान की शुरुआत होगी। फिर इसे बढ़ाकर 50 जिलों तक पहुंचाया जाएगा। हर गांव में कम से कम 10 वॉलिंटियरस की टीम तैयार की जाएगी।